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अरुण जेटली के परिवार ने पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति को लिखा पत्र, सरकारी सुविधा के लिए कह दी बड़ी बात

बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली के परिवार का बड़ा फैसला सरकार की ओर से मिलने वाली बड़ी सुविधा लेने से किया इनकार पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति को लिखा भावुक पत्र

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नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली के परिवार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल जेटली के परिवार ने सरकार की ओर से दी जाने वाली एक बड़ी सुविधा के लिए मना कर दिया है। दरअसल सरकार की ओर से अरुण जेटली को मिलने वाली पेंशन लेने से उनके परिवार ने इनकार कर दिया है।

खास बात यह है कि इसके लिए उनकी पत्नी ने बकायदा राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने ना सिर्फ जेटली की पेंशन लेने से इनकार किया बल्कि एक सुझाव भी दिया।

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इस पत्र में जेटली की पत्नी ने लिखा कि बीजेपी नेता को मिलने वाली पेंशन उन कर्मचारियों को दान कर दी जाए जिनकी तनख्वाह कम है। परिवार को पेंशन के तौर पर लगभग तीन लाख रुपये मिलते।

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संगीता जेटली ने वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा, 'जिस महान काम को अरुण किया करते थे, उनके उसी मार्ग पर चलते हुए मैं संसद से अनुरोध करती हूं कि एक दिवंगत सांसद के परिवार को मिलने वाली पेंशन को उस संस्थान के जरुरतमंद लोगों को दान कर दिया जाए जिसकी जेटली ने दो दशकों तक सेवा की है।

संगीता जेटली के मुताबिक राज्यसभा के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जेटली की पेंशन दी जाए। उनकी पत्नी ने लिखा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अरुण की भी यही इच्छा होती।

पीएम मोदी को भी भेजी एक प्रति
पत्र की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है। भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार अरुण जेटली ने 66 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त को अंतिम सांस ली थी। वह यहां कई दिनों तक आईसीयू में भर्ती थे।

उनके पास वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। वह चार बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेटली को अपना अमूल्य मित्र बताया था। वह एक ऐसे नेता थे जिसके पक्ष और विपक्ष दोनों में मित्र थे। पत्र में संगीता जेटली ने आगे लिखा, 'अरुण हमेशा से एक परोपकारी रहे हैं। अपने कानूनी पेशे या राजनीति में उन्होंने जो भी सफलता हासिल की उनका मानना था कि यह उन्हें गुरु, सहयोगियों के समर्थन और दोस्तों, रिश्तेदारों की शुभकामनाओं के कारण मिली है। वह हमेशा जरुरत के समय हर किसी की मदद के लिए खड़े रहे।


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