नाबलिग से रेप के आरोप में जेल की हवा खा रहे आसाराम के पास 2,300 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है
नई दिल्ली। नाबलिग से रेप के आरोप में जेल की हवा खा रहे आसाराम के पास 2,300 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है। समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आयकर विभाग ने सिफारिश की है कि आसाराम की ओर से नियंत्रित चैरिटेबल ट्रस्टों को टैक्स में दी जाने वाली राहत को बंद किया जाए। आसाराम आश्रम की प्रवक्ता नीलम दुबे का कहना है कि यह बापू के खिलाफ साजिश है। बापू के पास कोई संपत्ति नहीं है। उनके पास तो खुद की कार भी नहीं है। हर चीज ट्रस्ट के नाम पर है।
समाचार पत्र के मुताबिक आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि आसाराम ने 2008-09 से लगातार 2,300 करोड़ रुपए की अघोषित आय को विभाग से छुपाए रखा था। जांच में ऐसे बेनामी निवेश का पता चला है जिनका संबंध आसाराम और उनके शिष्यों से है। ये निवेश रियल स्टेट,म्यूचुअल फंड्स,शेयर,किसान विकास पत्र और फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में
किए गए हैं। समाचार पत्र ने आयकर विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया है कि इनमें से अधिकतर निवेश कोलकाता स्थित उन सात निजी कंपनियों की ओर से किया गया जिन्हें या तो आसाराम की ओर से अधिग्रहित किया गया था या उनके शिष्यों की ओर से।
आयकर विभाग की जांच शाखा की ओर से तैयार की गई मूल्यांकन रिपोर्ट में यह भी बात निकलकर आई है कि आसाराम ने अपने अनुयायियों के माध्यम से कथित तौर पर कर्ज देने की योजना चलाई थी। इसके योजना के तहत बिल्डरों, आम लोगों और संस्थाओं को 1 से 2 फीसदी की मासिक ब्याज दर पर नकद ऋण प्रदान करती थी। सूत्रों के मुताबिक आसाराम और उनके अनुयायियों ने 1991-92 से पूरे भारत में 1400 से अधिक लोगों को ऋण के दौर पर 3800 करोड़ रुपए दिए।
सारा कर्ज कैश के रूप में दिया गया। सिक्योरिटी के रूप में पोस्ट डेटेड चेक्स,प्रोमिसरी नोट्स और जमीन के कागजात जमा करवाए गए। आयकर विभाग के अधिकारियों को शक है कि आसाराम और उसके अनुयायियों ने इस योजना का इस्तेमाल आश्रमों को मिले दान को छिपाने में किया। मूल्यांकन रिपोर्ट को विभाग के पास भेजा गया है जो इस पर टैक्स का सही
आंकलन करेगा। आपको बता दें कि 16 वर्षीय किशोरी के यौन उत्पीडऩ के आरोप में आसाराम 2013 से जोधपुर के केन्द्रीय कारागृह में बंद है।