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Bihar 10th Topper Himanshu Raj: मां 5वीं पास तो पिता बेचते हैं सब्जी और बेटे ने छू लिया आसमां

-Bihar 10th Board Topper Himanshu Raj: बेइंतहा दुख...पहाड़ सा हौसला...इम्तिहान लेती गरीबी और कदम चूमती कामयाबी।-यह कहानी है गरीबी में पले-बढ़े हिमांशु राज ( Himanshu Raj Bihar 10th Topper ) की। -Success Story of Himanshu Raj Bihar 10th Topper: बिहार बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के रिजल्ट में रोहतास के रहने वाले हिमांशु राज ने टॉप किया है। हिमांशु ने परीक्षा में 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उनको 500 में से 481 नंबर मिले हैं।

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Bihar 10th Topper Himanshu Raj belong to poor family success story

नई दिल्ली।
Bihar 10th Board Topper Himanshu Raj: बेइंतहा दुख...पहाड़ सा हौसला...इम्तिहान लेती गरीबी और कदम चूमती कामयाबी। यह कहानी है गरीबी में पले-बढ़े हिमांशु राज ( Himanshu Raj Bihar 10th Topper ) की। परिवार पर आर्थिक संकट आया तो छोटी उम्र में पिता के साथ ठेले पर सब्जियां बेची। बेटे की पढ़ाई के लिए मां-बाप ने दिन रात एक कर दिए, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। मां—बाप का परिश्रम और बेटे के हौंसले ने आज सफलता के झंडे गाड़ दिए है। बिहार बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के रिजल्ट में रोहतास के रहने वाले हिमांशु राज ने टॉप किया है। हिमांशु ने परीक्षा में 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उनको 500 में से 481 नंबर मिले हैं।

पिता ने ठेले पर सब्जियां बेचकर पढ़ाया ( Success Story of Himanshu Raj Bihar 10th Topper )
हिमांशु राज बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं। परिवार के माली हालत के बीच हिमांशु के पिता सुभाष सिंह सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। सुभाष सिंह के पास थोड़ी बहुत जमीन है, जिसमें वह सब्जी उगाकर बेचते हैं। साथ ही गांव मे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं। मां मंजू देवी पांचवीं पास हैं और ग्रहणी है। हिमांशु की सफलता देख पूरे गांव में खुशी का माहौल है। सभी लोग परिवार को फोन पर बधाइयां दे रहे हैं।

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पिता के काम में हाथ बंटाया
हिमांशु के पिता सुभाष सिंह ने बताया, जब परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया था, तब बेटे ने उनके काम में हाथ बंटाया और ठेले पर सब्जियां बेची। हालांकि, उस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया। उसे पूरा सपोर्ट दिया। आज उसने मेरा सपना पूरा कर दिया। मां मंजू देवी ने कहा, वह बहुत मेहनती है। आज उसने उन सब बातों की लाज रख ली। आगे भी हम दोनों उसको ऐसे ही सपोर्ट करते रहेंगे, ताकि वह अपने सपने को पूरा कर सके।

मोबाइल, टीवी से बनाई दूरी, 14 घंटे की पढ़ाई
हिमांशु ने बताया कि वह रोज 14 घंटे पढ़ाई करते थे। इसके लिए उन्होंने मोबाइल और टीवी से दूरी बनाई रखी। हिमांशु ने बताया, मुझे पूरा यकीन था कि मैं टॉप 10 में जगह बनाऊंगा। स्कूल के साथ कोचिंग भी सकते थे। पिता का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहा। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का ख्वाब
हिमांशु ने बताया कि वह भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसके लिए वह साइंस स्ट्रीम से 12वीं करेंगे और एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेंगे।


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