
बिहार: तेजप्रताप की अर्जी में फंसा कानून पेंच, एक साल से पहले नहीं ले पाएंगे तलाक
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने पटना की एक कोर्ट में अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक की अर्जी दाखिल की है। यह अर्जी तेजप्रताप ने पटना व्यवहार न्यायालय के परिवार न्यायालय में दी है। जिसको कोर्ट ने सूचीबद्ध कर लिया है। लेकिन उनके तलाक की इस प्रक्रिया में बड़ा कानून पेंच आड़े आ गया है। कानूनी जानकारों की मानें तो शादी के एक साल तक तलाक नहीं लिया जा सकता। दरअसल हिन्दू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 14-1 के अनुसार शादी के एक साल बाद ही तलाक लेने का प्रावधान है और तलाक की याचिका अदालत में इस अवधि के बाद ही दायर की जा सकती है। हालांकि धारा 14-2 के तहत विशेष परिस्थितियों में इस अवधि के भीतर भी तलाक की अर्जी कोर्ट में डाली जा सकती है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों को अदालत के सामने सिद्ध करना होता है।
एक्सपर्ट की राय के अनुसार इससे पहले शादी के तीन साल बाद तक कोर्ट में तलाक की अर्जी नहीं डाली जा सकती थी। लेकिन 1976 में हुए कानून में संशोधन के बाद यह समयावधि 3 साल से घटाकर एक साल कर दी गई थी। आपको बता दें कि अदालत ने इस अर्जी को सूचीबद्ध करते हुए केस नंबर 1208/2018 देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर मुकर्रर की है। इस मामले में हालांकि लालू प्रसाद के परिवार का कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है। अर्जी दायर करने के बाद तेजप्रताप ने भी इस संबंध में मीडिया से बात नहीं की।
लालू की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को इस बारे में मीडिया से पता चला। वह पटना स्थित राबड़ी देवी आवास पहुंची हैं। इस बीच, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह पारिवारिक मामला है और खासकर पति-पत्नी का व्यक्तिगत मामला है।
Updated on:
03 Nov 2018 10:57 am
Published on:
03 Nov 2018 09:58 am
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