25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बोफोर्स डील मामले में पार्लियामेंट्री कमेटी की सीबीआई को हिदायत, कहा- राजनीतिक हस्तक्षेप से बचकर करे काम

पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) की सब कमेटी ने बोफोर्स पर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जो संसद के अगले सत्र में पेश कर दी जाएगी।

2 min read
Google source verification

image

Mohit sharma

Apr 26, 2018

Bofors case

नई दिल्ली। बोफोर्स डील पर पार्लियामेंट्री कमेटी ने सीबीआई को हॉविट्जर तोप की खरीद से संबंधित मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप से बचने की सलाह दी है। इस पार्लियामेंट्री कमेटी ने लगभग 27 साल तक बोफोर्स मामले का अध्ययन किया है। वहीं, पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) की सब कमेटी ने बोफोर्स पर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जो संसद के अगले सत्र में पेश कर दी जाएगी। बता दें कि 6 सदस्यीय पीएसी की अध्यक्षता बीजू जनता दल के सांसद भतृहरि महताब कर रहे हैं।

जांच से जुड़ी संस्थाओं ने किए समझौते

जानकारी के अनुसार कमेटी ने स्वीकार किया कि बोफोर्स डील से जुड़ी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभाल कर नहीं रखा गया और इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है। कमेटी ने यह भी कहा कि बार—बार दस्तावेज को मंगवाने पर भी बहाने बनाए गए और बताया गया कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। कमेटी ने मंत्रालय के समक्ष मांग रखी कि कोई ऐसा सिस्टम बनाया जाए, जिसमें निर्धारित समय के भीतर जांच की जाए। पीएसी ने इस बात पर भी खेद जताया कि पूरे मामले में लगी जांच एजेंसियों और लोगों ने इस दौरान कई तरह के समझौते किए। ऐसे संस्थानों को सियासी हस्तक्षेप व प्रभाव से बाहर निकलकर ईमानदारी और निष्ठा से काम करने की सलाह भी दी।

बोफोर्स तोप घोटाले में 64 करोड़ घूस का है आरोप

1986 में 1437 करोड़ रुपए के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को 64 करोड़ रुपए घूस देने के आरोप लगा था। बोफोर्स घोटाले ने 80 के दशक में बड़ा हंगामा बरपाया था। इसका नतीजा यह हुआ था कि कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार को जाना पड़ा था और अमिताभ बच्चन को सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में घोटाले में यूरोप में रहने वाले हिंदुजा भाइयों पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग