किताब के लेखक हिंडल सेनगुप्ता के अनुसार, उन्होंने विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं दीं। इनमें एंट्रेंस एग्जाम, फस्र्ट आर्ट्स स्टैंडर्ड (एफए )और बैचलर ऑफ आर्ट्स परीक्षाएं शामिल हैं। एंट्रेस एग्जाम में अंग्रेजी भाषा में उन्हें 47 प्रतिशत अंक मिले थे। एफए में 46 प्रतिशत और बीए में 56 प्रतिशत अंक मिले थे। यही नहीं, किताब में लेखका का दावा है कि गणित और संस्कृत जैसे विषयों में भी उनके अंक औसत ही रहे। बहरहाल, लेखक का कहना है कि विवेकानंद की आधुनिकता ही है, जो हमें आज भी आकर्षित करती है। हम जिन भी साधुओं को जानते हैं, वह उन सबसे अलग हैं।