शास्त्री के परिवारवालों ने भी दावा किया था कि ताशकंद दौरे के दौरान शायद उनकी बात नेताजी से हुई हो। फेस मैपिंग का नतीजा भी इस बात को पुख्ता करता है। शास्त्री के पोते संजयनाथ सिंह बताते हैं कि मृत घोषित किए जाने से एक घंटे पहले ही उन्होंने किसी से बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत जाकर वे ऐसी चीज का खुलासा करेंगे जिससे विपक्षी दल सब भूल जाएंगे। अगर यह तस्वीर सच में नेताजी की ही है तो इससे दो बातें साबित होती हैं, एक तो 1945 में नेताजी की मौत नहीं हुई थी और दूसरी स्टालिन के मरवाने की बात भी गलत साबित होती है।