तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई बैठक के दौरान उन्होंने प्रस्ताव के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की। रक्षा मंत्रालय ने कहा इस प्रस्ताव की समय सीमा 30 जून, 2020 है। अब तक तीनों सेवाओं के बीच एक ही वायु रक्षा कमान ( एयर डिफेंस कमांड ) है। जनरल रावत की पहली प्राथमिकता भारत को किसी भी हवाई हमले से सुरक्षित करने के लिए वायु रक्षा कमान का गठन करना है।
भारतीय वायु सेना वायु रक्षा में एक प्रमुख भूमिका निभाती है, लेकिन
भारतीय सेना के पास अपनी खुद की क्षेत्र वायु रक्षा प्रणाली है। वहीं भारतीय नौसेना के पास सबसे उन्नत और गतिशील वायु रक्षा प्रणाली है। रावत ने 30 जून और 31 दिसंबर, 2020 तक तालमेल के लिए प्राथमिकताएं तय कीं।
सामान्य कार्य प्रणाली पर जोर देते हुए सीडीएस रावत ने निर्देश दिया कि सभी तीनों सेनाओं और तटरक्षक से परामर्श किया जाना चाहिए और उनके विचारों को समयबद्ध तरीके से प्राप्त किया जाना चाहिए।
सीडीएस ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि सभी को वांछित परिणामों को पूरा करने और बेहतर विचार एवं सुझाव के साथ काम करना चाहिए।