
यूजीसी को हटाकर हायर एजुकेशन में बड़े बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को विश्वविद्यालयों के मुख्य वित्तीय निकाय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को हटाने के मकसद से एक नए अधिनियम का मसौदा प्रस्ताव पेश किया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अधिनियम का मसौदा पेश करते हुए इसके हितधारकों से उनकी संस्तुति 7 जुलाई 2018 तक भेजने की अपील की।
...ये है सरकार का मकसद
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, 'मैं सभी शिक्षाविदों, हितधारकों और अन्य से अपनी टिप्पणी और सुझाव सात जुलाई शाम पांच बजे तक reformofugc@gmail.com (रिफॉर्मऑफयूजीसी एट जीमेल डॉट कॉम) पर भेजने की अपील करता हूं।' उन्होंने कहा, 'मसौदा अधिनियम सरकार की ओर से उच्च शिक्षण संस्थानों को और आजादी देने वाले तंत्र को सुधारने के वादे के तहत तैयार किया गया है, जिससे शिक्षा तंत्र की उत्कृष्टता और समग्र विकास की सुविधा को बढ़ावा दिया जा सके।'
...ऐसा होगा नया अधिनियम
उन्होंने कहा, 'नियामक तंत्र में परिवर्तन, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन, अनुदान कार्यों को अलग करने, निरीक्षण राज का अंत करने, अकादमिक गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और लागू करने करने की शक्तियों के सिद्धांत पर आधारित है।' 'भारतीय उच्च शिक्षा आयोग अधिनियम, 2018' नामक यह अधिनियम केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को छोड़कर संसद के किसी भी अधिनियम के अंतर्गत स्थापित उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा।
उच्च शिक्षा का अहम हिस्सा है यूजीसी
गौरतलब है कि यूजीसी भारत में उच्च शिक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संस्था ऐसे विश्वविद्यालयों और उनमें पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों को मान्यता देती है जो तकनीकी नहीं होते हैं। तकनीकी शिक्षा के लिए संस्थाओं ोक मान्यता देने का काम एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन) करती है।
Published on:
27 Jun 2018 07:44 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
