
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ( ISRO ) के वैज्ञानिकों का चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने का प्रयास जारी है। इस क्रम में मंगलवार इसरों के लिए अहम साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इसरो की सहायता के अपने डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर्स से लगातार चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर से संपर्क बनाए हुए है।
बता दें कि आज नासा अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के जरिए चांद के उस हिस्से की तस्वीरें भी लेगा, जहां विक्रम लैंडर गिरा हुआ है। मंगलवार को नासा का LRO चांद के उस हिस्से से गुजरेगा जहां विक्रम लैंडर है।
एलआरओ तस्वीर लेने का करेगा प्रयास
अमरीकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा का लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर विक्रम लैंडर के बारे में आज नई जानकारी दे सकता है। जानकारी के मुताबिक चांद पर शाम होने लगी है। हमारा LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें तो लेगा लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि तस्वीरें स्पष्ट आएंगी या नहीं।
ऐसे में चांद की सतह पर मौजूद किसी भी वस्तु की स्पष्ट तस्वीरें लेना चुनौतीपूर्ण काम होगा। लेकिन जो भी तस्वीरें आएंगी उन्हें हम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो से साझा करेंगे।
स्कॉट टायली भी नहीं कर पा रहे हैं संपर्क
अमरीकी खगोलविद स्कॉट टायली ने लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद कहा था कि उससे संपर्क स्थापित हो सकता है। लेकिन अब वे भी यह कह रहे हैं कि विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है। जबकि ऑर्बिटर लगातार उसे भेजे गए संदेशों का जवाब दे रहा है। बता दें कि स्कॉट टायली ने 2018 में अमरीकी के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था। यह सैटेलाइट नासा ने 2000 में लॉन्च की थी जिसके पांच साल बाद इससे संपर्क टूट गया था।
Updated on:
17 Sept 2019 02:12 pm
Published on:
17 Sept 2019 08:05 am
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