आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी उन्होंने कहा कि चौरी चौरा कांड ने देश की आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी। 100 वर्ष पहले घटित इस कांड का संदेश बहुत बड़ा था। यह कांड सामूहिकता की शक्ति का प्रदर्शन था। सामूहिकता की यही शक्ति आज भारत को आत्मनिर्भर बना रहा हैं। उन्होंने इस मौके पर महामना मदन मोहन मालवीय और महात्मा गांधी को भी याद किया। इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूर थीं।
क्या है चौरी चौरा कांड चार फरवरी 1922 को गोरखपुर के चौरी चौरा में स्थानीय लोग महात्मा गांधी के शुरू किए गए असहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे। तभी स्थानीय पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत और कई घायल हो गए। नाराज लोगों ने थाने में बाहर से कुंडी लगाकर आग लगा दी। इस घटना में 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके आरोप में 172 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिन लोगों को फांसी दी गईए उनकी याद में चौरी चौरा दिवस मनाया जाता है। इस बार यूपी सरकार ने पूरे साल शताब्दी वर्ष मनाने का निर्णय लिया है।