22 में से 19 राज्यों में पुरुषों में और 16 राज्यों में महिलाओं में मोटापा बढ़ा है। महिलाओं में सबसे ज्यादा मोटापा कर्नाटक और पुरुषों में सबसे ज्यादा मोटापा जम्मू-कश्मीर में मिला है। इसके अलावा खून की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में बच्चों में कुपोषण व मोटापे के मामले में बिहार पहले स्थान पर है। यहां उम्र के हिसाब से 42.9 फीसदी बच्चों की लंबाई कम पायी गई है। गुजरात 39.0 फीसदी के साथ दूसरे व कर्नाटक 35.4 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लंबाई के अनुपात में कम वजन के 25.6 फीसदी बच्चे, गुजरात 25.1 फीसदी के साथ दूसरे व बिहार 22.9 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है।
इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के दो भाग हैं। पहले भाग में 17 राज्य व 5 केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है। दूसरे भाग में मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश, झारखंड समेत करीब एक दर्जन राज्यों की रिपोर्ट मई 2021 में जारी होगी।
इससे पहले 2015-16 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट में देश के बच्चों में कुपोषण कम होने का खुलासा हुआ था। लेकिन करीब पांच साल बाद स्थिति में सुधार की बजाय कई राज्यों में कुपोषण में वृद्धि हुई है।
नवजातों की मौत का आंकड़ा
सबसे कम मौतें
प्रदेश वर्ष 2019-20 वर्ष 2015-16
केरल 3.4 4.4
सिक्किम 5.0 20.8
गोवा 5.6 12.9
जम्मू-कश्मीर 9.8 23.1
लद्दाख 11.4 25.7
प्रदेश वर्ष 2019-20 वर्ष 2015-16
सिक्किम 11.2 32.2
जम्मू-कश्मीर 18.5 37.6
मिजोरम 24 46.0
अंडमान-निकोबार 13 24.5
लद्दाख 29.5 4.6
असम 39.1 3.1
13 राज्यों में बच्चों की उम्र के अनुसार सामान्य लंबाई में कमी
12 राज्यों में लंबाई के हिसाब से बच्चों के वजन में कमी ज्यादा
20 राज्यों में मोटे, 16 में कम वजन के बच्चों की संख्या बढ़ी
17 राज्यों में बच्चों में एनीमिया यानी खून की कमी पायी गई है
60 फीसदी बच्चों की मौत की वजह कुपोषण पाया गया है