चीन का चकमा, ड्रैगन ने पैगोंग से हटाकर LAC के इस इलाके में तैनात कर दिए अपने सैनिक
- चीन ने एक बार फिर भारत को दिया चकमा
- पैंगोंग से हटाकर अपने सैनिकों को LAC के ही पास रुटोग इलाके में कर दिया तैनात
- पैंगोंग से 100 किमी दूरी पर स्थित इस बेस से चीनी सेना हर मोमेंट पर रख रही नजर

नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि भारत-चीन ( India-China FaceOff ) के बीच पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर पिछले 9 महीनों से चल रहे तनाव की बर्फ पिछलने लगी है। लंबे समय के बाद आपसी बताचीत के जरिए चीन और भारत ने अपने सनिकों को पैंगोंग से पीछे हटा दिया।
दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटी हैं। यही नहीं कई महीनों से तैनात किए गए हथियारों को भी वापस ले जाया गया है। लेकिन अब जो खबर सामने आई उसके मुताबिक पैंगोंग से पीछे हटे जवानों को चीन ने एलएसी के पास ही तैनात कर रखा है। जो बताता है कि ये पैंगोंग से सैनिकों को हटाना सिर्फ चीन का चकमा था।
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Recent imagery from Rutog's Military Garrison (developing since late 2019) suggests sections of the disengaged #China PLA troops have been relocated here post the agreement with #India last week, this base however would serve future PLA activity for the #PangongTso area pic.twitter.com/l1hy30qitD
— d-atis☠️ (@detresfa_) February 22, 2021
सामने आई सैटेलाइट की ताजा तस्वीर में दावा किया गया है कि चीन ने पीएलए जवानों को रुटोग काउंटी बेस पर भेज दिया है। इसके बाद हमेशा से धोखाधड़ी करने वाले ड्रैगन की मंशा पर फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं।
सिर्फ 100 किमी की दूरी पर चीनी सैनिक
आपको बता दें कि चीन ने अपने सैनिकों को रुटोग के जिस इलाके में तैनात किया है यह बेस पैंगोंग सो इलाके से सिर्फ 100 किलोमीटर और मोल्डो से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दो वर्षों से चीन यहां बना रहा था जगह
मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने सैनिकों को जहां तैनात किया है उस जगह के लिए ड्रैगन साल 2019 से ही काम चल रहा था।
चीन सेना को मिलेगी मदद
यहां पर चीन ने पीएलए को मजबूत करने के इरादे से हाल ही में एक हेलीपोर्ट का भी निर्माण किया है। ओपन इमेजरी सोर्स @detresfa_ ने एक्सक्लूसिव तस्वीर जारी की है।
तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया है, ''रुटोग मिलिट्री बेस की ताजा सैटेलाइट इमेज बताती है कि पिछले हफ्ते भारत से सहमति होने पर हटाए गए चीनी जवानों में से कइयों को यहां रिलोकेट किया गया है।
यह बेस भविष्य में पैंगोंग इलाके के लिए चीनी सेना की गतिविधियों के लिए मदद करेगा।''
सब सुविधाओं से लैस है ये बेस
सेना ने इस बेस पर गतिविधियों को तेज किया है। रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की साइट्स, हेलीपोर्ट्स, टैंक ड्रिल्स आदि की व्यवस्था तक की गई है।
सैटेलाइट की तस्वीर में नए टैंट्स, प्री-फैब हीटेड केबिन्स आदि दिखाई दे रहे हैं। आने वाले समय में पीएलए के जवान इन टैंट्स का इस्तेमाल एलएसी पर पहुंचने के लिए कर सकते हैं।
यहां पर कर चुके युद्ध अभ्यास
हाल ही में चीन ने रुटोग काउंटी में सैन्य अभ्यास भी किया था, जिसका वीडियो भी बाद में जारी किया गया। इस अभ्यास में बड़ी संख्या में पीएलए के जवानों ने टैंकों के साथ हिस्सा लिया था और गोला-बारूद का जमकर इस्तेमाल किया।
एक तरफ भारत ड्रैगन के साथ पैंगोंग के अलावा इन्य इलाकों से डिसइंगेजमेंट को लेकर बातचीत में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ चीन एक बार फिर चकमा देकर धोखा देने की अपनी पुरानी आदतों को दोहरा रहा है।
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