
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बेंगलुरू में विरोध प्रदर्शन जारी
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (citizenship amendment act ) के खिलाफ पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक में विरोध प्रदर्शन जारी है। रविवार को बेंगलुरू में भी इसको लेकर छात्र सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी इस आंदोलन को वह 'आजादी की लड़ाई' का नाम दे रहे हैं। कांग्रेस राज्यसभा के सदस्य राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, "हमारे पास हिस्सा लेने के लिए एक और आजादी की लड़ाई है। भारत को उन वास्तविक टुकड़े-टुकड़े गैंग से बचाने के लिए, जो पहचान के आधार पर भारतीयों को बांट रहे हैं।"
IIM बेंगलुरु के छात्रों का भी विरोध प्रदर्शन
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट -बेगलुरू (आईआईएम-बी) के पूर्व प्रोफेसर ने प्रदर्शनकारियों से आह्वान किया कि वे समावेशी भारत के लिए लड़ाई लड़ने का प्रण लें और अनेकता का जश्न मनाएं। बेंगलुरू स्थित टाउनहॉल के प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान गौड़ा ने कहा, "हमारे देश की आत्मा की रक्षा के लिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे इस संघर्ष में भाग लें।"
प्रदर्शनकारी नए नागरिकता कानून के विरोध में कर्नाटक राज्य का झंडा, भारतीय तिरंगा और विरोधी नारा लिखे हुए पोस्टर के साथ विरोध करते दिखे। टाउनहॉल में प्रदर्शन के दौरान दिखाए जा रहे एक पोस्टर में लिखा था, "भारतीय संविधान पर हमला बंद करो। हैशटैग एगेंस्ट सीएए।"
रामचंद्र गुहा भी विरोध प्रदर्शन में शामिल
प्रदर्शन में शामिल इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि भारत की स्थापना विविधता के सिद्धांतों के आधार पर हुई थी। गुहा ने कहा, "हमें लोकतंत्र चाहिए, हमें अनेकतावाद चाहिए।" वहीं जयनगर से कर्नाटक विधानसभा की सदस्य सौम्या रेड्डी ने भी सीएए विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "एक क्रांति शुरू हो गई है। हम भारत की अनेकता को मरने नहीं देंगे। सभी आयोजकों का धन्यवाद। जागिए।"रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भी भाग लिया।
Published on:
16 Dec 2019 02:06 pm
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