केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री एयर इंडिया को लेकर जारी बहस पर कहा है कि सवाल एयर इंडिया में विनिवेश और गैर विनिवेश का नहीं है। अहम सवाल यह है कि या तो हम एयर इंडिया में को 100 फीसदी विनिवेश के आधार पर चलाएं या उसे बंद कर दें। ऐसा इसलिए कि एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपए की देनदारी है। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए हमारे पास यही सबसे कारगर विकल्प है।
इससे पहले सोमवार को यह निर्णय लिया गया था कि शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीकर्ताओं 64 दिनों के भीतर बोली लगाने को कहा गया था। इस बार सरकार ने तय कर लिय है कि हम 100 फीसदी विनिवेश की राज पर काम करेंगे। अब इस फैसले से पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।