दूसरी ओर, अमरीकी वैज्ञानिक याने बा येम ने भी इसे हैरान करने वाला बताया और भारत सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में संक्रमण को रोकने के लिए सही समय पर उचित कदम उठाए गए। महामारी के परिमाणात्मक विश्लेषण में एक्सपर्ट याने बा येम ने उन कारणों की पहचान की, जिनसे पूर्व में महामारी को काबू में रखने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि कम शहरीकरण से यात्राएं सीमित हुईं। इससे सामुदायिक संक्रमण की रफ्तार भी कम हुई। सीमित यात्राओं और स्थानीय पर्यटन पर लगाम ने वायरस के संक्रमण के प्रभाव को कम करने में अहम रोल निभाया।
अमरीकी वैज्ञानिक याने बा येम के अनुसार, आवागमन को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने तेजी से कदम उठाए और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए तत्काल फैसले लिए। इससे महमारी से पैदा हुई जरूरतों को तुरंत पूरा करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सफलतापूर्वक पर्याप्त कदम उठाए। यह कदम उन परिस्थितियों में उठाया जाना बेहद जरूरी था।
गत वर्ष सितंबर में स्थिति बेहद खराब हो गई थी। देश में रोज तब 1 लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे थे। अब यह आंकड़ा महज 12 हजार पर आ गया है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को थामने में सफलता पाई है। यही नहीं, वायरस संक्रमण की वजह से मृत्यु दर में भी तेजी से कमी आई है।
अमरीकी वैज्ञानिक ने कहा कि भारत सरकार की ओर से उठाए गए कदमों में यात्राओं पर सख्त प्रतिबंध, भीड़ के एकत्रित होने पर रोक, स्थानीय लॉकडाउन, स्कूल बंद किया जाना आदि ऐसे कदम थे, जिनसे कोरोना महामारी को रोकने में सफलता हासिल हुई। इसके अलावा पब्लिक कम्युनिकेशन, संक्रमित लोगों की पहचान करना, मास्क और पीपीई किट का बड़े पैमाने पर उत्पादन जैसे कदम भी कारगर साबित हुए। याने बा येम के मुताबिक, भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जहां भी संक्रमण है, वहां यात्रा को प्रतिबंधित किया जाए। संक्रमण के मामले क्वारंटीन किए जाए, जिससे संक्रमण फैलने की गुंजाइश न के बराबर रहे।