भाजपा से ज्यादा दुष्यंत चौटाला की मुश्किलें बढ़ाएगा कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव।
किसान संगठन जेजेपी पर भाजपा से अलग होने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं।
नई दिल्ली। हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए पहले जाट आंदोलन सिर दर्द बना और अब कृषि आंदोलन गले की फांस बन चुका है। तीन कृषि कानून के खिलाफ हरियाणा में एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने के लिए मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विधानसभा सत्र के पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। कांग्रेस के इस कदम से सीएम मनोहर लाल खट्टर से कहीं अधिक उनके सहयोगी डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के लिए चिंता वाली बात है। दरअसल किसान संगठन जेजेपी पर भाजपा से अलग होने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं।
भाजपा-जेजेपी सरकार को घेरने की तैयारी किसान और विपक्षी पार्टियां लगातार दुष्यंत पर दबाब बनाने का प्रयास कर रहीं हैं कि सरकार से समर्थन वापस ले लें। इस तरह से प्रदेश में भाजपा सरकार गिर जाएगी। इस दबाब में केंद्र तीनों कृषि कानूनों को रद्द देगा। हरियाणा में पांच मार्च से बजट सत्र शुरू होने वाला है। कांग्रेस ने बीजेपी-जेजेपी सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान कांग्रेस ने तय किया है कि राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के बजट अभिभाषण के ठीक बाद खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।