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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का ऐलान, मजदूरों की घर वापसी का खर्च पार्टी उठाएगी

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष ने श्रमिक व कामगारों को देश की रीढ़ की हड्डी बताया। हर प्रदेश कांग्रेस पार्टी, हर जरूरतमंद श्रमिक-कामगार के घर वापसी का खर्च देगी। केंद्र सरकार पर अमीरों के हित में काम करने और गरीबों की उपेक्षा का लगाया आरोप।

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Congress Announcement for migrant labourers

Congress Announcement for migrant labourers

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बीते 25 मार्च से देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसे फिर 15 अप्रैल से 3 मई तक बढ़ाया गया और अब 4 से 17 मई तक। हालांकि अचानक लिए गए इस फैसले के चलते देशभर में प्रवासी मजदूर-गरीब जगह-जगह फंस गए और घर वापसी के जतन करने लगे। अब जब केंद्र सरकार ने उन्हें भिजवाने के लिए रेलवे और बसों की व्यवस्था कर दी है तो राज्यों-श्रमिकों से किराया वसूले जाने की भी बात सामने आई है। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को ऐलान किया कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऐसे सभी गरीबों-प्रवासी मजदूरों का खर्च उठाएगी।

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इस संबंध में सोनिया गांधी ने कहा कि श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी।
पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है? आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।

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सोनिया ने आगे कहा, "श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?"

इसे लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार-बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने।

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पार्टी के फैसले को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि इसलिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी। मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा।

मजदूरों की घर वापसी को बनाएंगे जन आंदोलन

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोनिया का जताया आभार और कहा कि जनसेवा कांग्रेस के खून में है। हम जनमानुष को साथ जोड़ मज़दूरों की घर वापसी को जन आंदोलन बनाएंगे। करोड़ों श्रमिक भाइयों के रेल किराए का भुगतान करके कांग्रेस उन्हें सुरक्षित ससम्मान उनके घर पहुंचाएगी।

पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने सभी प्रदेश इकाइयों को मजदूरों के टिकट खरीदने और अन्य संसाधन देने के निर्देश दिए। पटेल ने कहा कि मजदूरों को घर भेजना जन आंदोलन है। इसके लिए AICC हर मदद देने को तैयार है।