फेक कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बनाने के लिए स्कूली बच्चे काम ले रहे हैं नींबू-सिरका
पीजीआई, चंडीगढ़ द्वारा की गई एक रिसर्च में पाया गया कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में मृत्यु का खतरा 98 फीसदी तक कम हुआ है। जबकि सिंगल डोज लेने वाले लोगों में मृत्यु का खतरा 92 फीसदी तक कम हुआ है। उल्लेखनीय है कि अब तक देश में 34 करोड़ 46 लाख 11 हजार 291 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है।कैश की जगह UPI बना पहली पसंद, जून में 5 लाख करोड़ से अधिक का लेन-देन किया
भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट पर भी है प्रभावीडॉक्टर्स द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार भारत में विकसित स्वदेशी कोवैक्सीन कोरोना के लेटेस्ट वेरिएंट डेल्टा तथा डेल्टा प्लस पर भी 78 फीसदी तक कारगर पाई गई है। हालांकि इस दिशा में अभी रिसर्च चल रही है फिर भी कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट से लड़ने के लिए मौजूदा वैक्सीन्स को आजमाया जा रहा है और मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पारंपरिक उपायों को लगातार अपनाए जाने की सलाह दी जा रही है।