ब्रिटिश सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने कहा कि दिसंबर में लंदन में सामने आए 60 फीसदी मामले इस वायरस से जुड़े हुए थे। कोरोना वायरस का नया रूप 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैलता है। ब्रिटेन में इसका फैलाव नियंत्रण के बाहर हो चुका है। इसलिए ब्रिटेन की सरकार ने सख्त लॉकडाउन लगा दिया है। इस वायरस में आए बदलाव उसमें मौजूद स्पाइक प्रोटीन से जुड़े होते हैं। ये वायरस का वह हिस्सा है जो कोशिकाओं को संक्रमित करता है। इसमें संक्रमण की तीव्रता ज्यादा है।
नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी के प्रोफेसर जॉनाथन बॉल का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन के इस नए वायरस पर प्रभावी होने की संभावना कम है, लेकिन इसके अक्षम होने की आशंका भी नहीं है। हालांंकि जब तक वायरस में आए बदलाव व उसके प्रभाव का अध्ययन नहीं कर लेते तब तक कोई भी दावा करना जल्दबाजी होगी। कोरोना वायरस की वैक्सीन इसी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। यह वायरस वैक्सीन के असर को तो नहीं प्रभावित करेगा, यह देखना होगा।
एक दिन में नए स्ट्रेन के 35 हजार से अधिक मामले मिलने के बाद यूरोपीय संघ के कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है अभी कई अन्य देश प्रतिबंधों को लेकर विचार कर रहे हैं। इसमें नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, आयरलैंड, जर्मनी, इटली, फ्रांस, इजरायल, टर्की, कुवैत, सऊदी अरब शामिल हैं। जहां एक सप्ताह तक प्रतिबंधित कर दिया है। कनाडा ने अगले तीन दिन के लिए प्रतिबंधित किया है।
इस नए स्ट्रेन का एक मरीज इटली में भी मिला है। इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि मरीज और उसकी पार्टनर कुुछ दिनों पहले ब्रिटेन से फ्लाइट से रोम पहुंचे थे। उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है।