
भारत से कई गुना ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले ब्राजील व रूस में भी इतने मरीज नहीं हैं।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) के प्रसार के शुरुआती चरण में तत्काल लॉकडाउन ( Lockdown ) लागू करने की वजह से भारत की स्थिति ग्लोबल कोरोना इंडेक्स ( Global Corona Index ) में भले ही बेहतर बनी रही लेकिन अब तेजी से ग्राफ गिरने लगा है। कुल मरीजों की संख्या के लिहाज से भारत भले ही पांचवे नंबर पर है लेकिन गंभीर मरीजों की संख्या के लिहाज से अमरीका ( Coronavirus in America ) के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है। यह ग्राफ भारत (Coronavirus in India ) के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।
Website Worldometer के आंकड़ों के मुताबिक अमरीका में गंभीर मरीजों की संख्या 16,923 है। भारत में गंभीर मरीजों की संख्या 8,944 है। इसके अलावा ब्राजील में 8,318, रूस में 2,300, स्पेन में 617, ब्रिटेन में 516, जर्मनी में 540 और इटली में 217 मरीज हैं।
दूसरी तरफ भारत से कई गुना ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले ब्राजील व रूस में भी इतने मरीज नहीं हैं। ब्राजील में भारत से 3 गुना ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं। इसके बावजूद वहां पर गंभीर मरीजों ( Serious patients ) की संख्या 8,318 है। इसी तरह रूस में दोगुने केस होने के बाद भी वहां ऐसे मरीजों की संख्या भारत की एक चौथाई है। स्पेन, ब्रिटेन, इटली व जर्मनी में भी ऐसे मामले एक हजार से कम हैं।
हेल्थ मिनिस्ट्री ( Health Ministry ) ने हाल ही में बताया था कि देश में 5 फीसदी से कम लोगों को गंभीर रूप से पीड़ित होने के कारण गहन चिकित्सा की जरूरत पड़ी। इनमें से 2.25 फीसदी आईसीयू में भर्ती हुए और 1.91 फीसदी लोगों को कृत्रिम ऑक्सीजन देना पड़ा। महज कुछ लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। इनमें से ज्यादातर मरीज महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या की बात करें तो रूस में भारत से दोगुने लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। भारत की तरह रोजाना वहां करीब 9,000 मामले सामने आ रहे हैं।
इसके बावजूद वहां मरने वालों की संख्या कम है। देश में जहां 7,207 लोगों को कोरोना की वजह से जान गंवानी पड़ी है वहीं, रूस में सिर्फ 5,971 लोगों की मौत हुई है। बीते एक हफ्ते में ब्राजील और भारत में मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
बता दें कि गंभीर मरीज उन लोगों को माना जाता है जिनकी हालत लगातार खराब होती जाती है। ऐसे मरीज जिनको तुरंत गहन चिकित्सा ( Intensive Care ) की जरूरत पड़ती है। अधिकांश मामलों में ऐसे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने से कृत्रिम ऑक्सीजन देना पड़ता है। कभी-कभी तो उन्हें वेंटिलेटर पर भी ले जाना पड़ता है।
Updated on:
09 Jun 2020 12:17 pm
Published on:
09 Jun 2020 09:09 am
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