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Coronavirus: रेलवे करने जा रहा बड़ा बदलाव, यात्रियों का सफर होगा आरामदायक

Published: Aug 27, 2020 09:52:07 am

-Indian Railways: कोरोना संकट ( Coronavirus ) के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे कई बड़े कदम उठा रहा है। -दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण ( Air Pollution in Delhi NCR ) की गंभीर समस्या से निपटने के लिए रेल प्रशासन आगे आया है। -इसके लिए रेल परिसरों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की योजना है। -रेलवे के मुताबिक, स्टेशनों ( Station ) को पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा।

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Coronavirus: रेलवे करने जा रहा बड़ा बदलाव, यात्रियों का सफर होगा आरामदायक

नई दिल्ली।
Indian Railways: कोरोना संकट ( Coronavirus ) के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे कई बड़े कदम उठा रहा है। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण ( Air Pollution in Delhi NCR ) की गंभीर समस्या से निपटने के लिए रेल प्रशासन आगे आया है। इसके लिए रेल परिसरों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की योजना है। रेलवे के मुताबिक, स्टेशनों ( Station ) को पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा। साथ ही माल शेड व अन्य रेल परिसरों में वायु प्रदूषण के स्तर की नियमित जांच होगी। जिससे मानक स्तर को संतुलित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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पर्यावरण संरक्षण पर दिया जाएगा जोर
रेल अधिकारियों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए बिजली व पानी का बेहतर उपयोग, सफाई व्यवस्था सुधारने, सूखे व गीले कचरे को अलग करने की व्यवस्था, हरियाली और नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी और मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।

इन स्टेशनों पर शुरू हुआ काम
अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली, आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन समेत कई स्टेशनों पर इसको लेकर काम शुरू हुआ है। स्टेशनों व कार्यालयों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। गुड्स शेड पर सफाई बनाए रखना व प्रदूषण रोकना बड़ी चुनौती है, लेकिन उसके लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली किशनगंज शकूरबस्ती, पटेल नगर, तुगलकाबाद, आदर्श नगर सहित दिल्ली मंडल में कुल 43 शेड हैं। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने समीक्षा बैठक की। जिसमें अधिकारियों को रेलवे परिसरों में पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने का निर्देश दिया है।

एनजीटी की नाराजगी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( NGT ) ने भी कई बार नाराजगी जता चुका है। एनजीटी का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के दायरे में आते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा या देरी हो रही है। पिछले सप्ताह भी एनजीटी ने नाराजगी जताई है और तीन माह के अंदर देश के सभी प्रमुख स्टेशनों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को आवेदन करने का समय दिया गया है। रेल मंत्रालय ने सभी प्रमुख स्टेशनों को पर्यावरण प्रमाणित कराने का फैसला किया है।

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