अपराधी को जब इंजेक्शन लगाया जाता है, तब थोड़ी ही देर में वह बेहोश हो जाता है और बाद में उसकी मौत हो जाती है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया बहुत जल्दी होती है और देखते ही देखते शख्स की मौत हो जाती है। इस इंजेक्शन को लीथल इंजेक्शन कहते हैं। यह इंजेक्शन दो या दो से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ मौत की सजा पाए लोगों पर ही होता है। इस इंजेक्शन के लगते ही दवाएं शख्स को पहले बेहोश करती हैं, फिर सांस लेने से रोकती हैं और अचानक उसकी मौत हो जाती हैै। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल अमरीका के अलावा कुछ और देश भी करते हैं।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि अमरीका में शुरू से लीथल इंजेक्शन के जरिए अपराधी को मौत की सजा दी जाती रही है। 1890 तक अमरीका में फांसी के जरिए अपराधी को मौत की सजा दी जाती थी। इसके बाद, वह कुर्सी जिसमें बिजली का करंट प्रवाहित होता था, उस पर बैठाकर मौत दी जाती थी। करंट वाला यह तरीका काफी लंबे समय तक चला। 1982 में लीथल इंजेक्शन के जरिए पहली बार मौत की सजा दी गई। इसकी शुरुआत टेक्सास स्टेट से हुई।