इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैंक्रो के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों पर चर्चा होगी। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर देंगे।
सामरिक साझेदारी के विस्तार पर देंगे जोर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पेरिस पहुंचने पर ट्वीट कर फ्रांस पहुंचने की खुशी जताई। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि फ्रांस एक महान देश है। साथ ही भारत का अहम सामरिक साझेदार भी है। हमारा विशेष संबंध औपचारिक संबंधों के क्षेत्र से परे जाता है। फ्रांस की मेरी यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच के वर्तमान सामरिक साझेदारी का विस्तार करना है।
पहले करेंगे शस्त्र पूजा राजनाथ सिंह बाद में फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोर्डोक्स जाएंगे जहां वह एक कार्यक्रम में पहला रफाल जेट विमान प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम में रफाल जेट निर्माता दसॉ एविएशन के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे। अधिकारियों के मुताबिक जेट प्राप्त करने के बाद सिंह दशहरे के मौके पर शस्त्र पूजा करेंगे और फिर विमान में उड़ान भरेंगे।
मई, 2020 में आएगी 4 विमानों की पहली खेप रफाल जेट विमान को सौंपने का कार्यक्रम बोर्डोक्स के मेरीग्नैक में दसॉ एविएशन के परिसर में होगा। यह स्थान पेरिस से करीब 590 किलोमीटर दूर है। वैसे तो सिंह मंगलवार को 36 रफाल जेट विमानों में पहला विमान मंगलवार को प्राप्त कर लेंगे लेकिन चार विमानों का पहला खेप अगले साल मई तक ही भारत आएगा। 9 अक्टूबर को सिंह फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
सितंबर 2016 में हुआ था सौदा बता दें कि भारत ने करीब 59,000 करोड़ रुपए मूल्य पर 36 रफाल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था। इस सौदे के तहत पहला रफाल आज भारत को मिलेगा। रफाल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात किया जाएगा जो भारतीय वायुसेना के सामरिक रूप से अति महत्वपूर्ण अड्डों में एक समझा जाता है। यह अड्डा भारत-पाक सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हाशिमारा अड्डे पर तैनात किया जाएगा।