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दिल्ली कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जमाखोरी मामले में नवनीत कालरा को दी जमानत

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने व्यवसायी नवनीत कालरा को शर्तों के साथ एक निजी मुचलके और एक-एक लाख के दो सुरक्षा बॉंड जमा करने पर जमानत दी।

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Delhi court granted bail to Navneet Kalra in oxygen concentrator hoarding case

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जमाखोरी करने वाले मुख्य आरोपी व्यवसायी नवनीत कालरा को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली के एक रेस्तरां में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कथित जमाखोरी से संबंधित मामले में शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए नवनीत कालरा को जमानत दे दी।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने कालरा को शर्तों के साथ एक निजी मुचलके और एक-एक लाख के दो सुरक्षा बॉंड जमा करने पर जमानत दी। कोर्ट ने कालरा पर लगाई गई शर्तों के बीच उन्हें निर्देश दिया है कि वे उन ग्राहकों से संपर्क न करें जिन्हें उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे थे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित न करने को भी कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जब भी आवश्यक हो जांच में शामिल हो।

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सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि नवनीत कालर के प्रभाव के कारण लोग सामने नहीं आ रहे हैं। इस बीच अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, कालरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 और 7 के तहत 7 साल तक की सजा हो सकती है।

दिल्ली पुलिस ने कालरा की जमानत का किया विरोध

व्यापारी नवनीत कालरा को जमानत दिए जाने का विरोध किया है। कालरा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि कंसेंट्रेटर बॉक्स में उत्पाद के बारे में सारी जानकारी होती है। वकील ने कहा, "यहां कोई लुका-छिपी नहीं है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों के पास सारी जानकारी है। मैं इसे सभी शिक्षित लोगों को बेच रहा हूं।"

इस आरोप पर कि घटिया उत्पाद की आपूर्ति की गई थी, वरिष्ठ अधिवक्ता पाहवा ने कहा, "यदि मेरे मुवक्किल द्वारा आपूर्ति किए गए उत्पाद घटिया थे, तो क्या दिल्ली पुलिस इसे CIVID देखभाल केंद्रों को दे देती? यह किसी को बलि का बकरा बनाने का स्पष्ट मामला।" पाहवा ने यह भी कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने भी वही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदा है।

कालरा ने भारी कीमत पर बेचा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

एम्स की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा, "ऑक्सीजन कंसंट्रेटर न तो प्रीमियम था और न ही जर्मनी का। कंसंट्रेटर COVID-19 मरीजों के उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। वे बेकार हैं।" इस तथ्य से इनकार करते हुए कि कालरा दान कर रहा था, अभियोजक श्रीवास्तव ने कहा कि दान पैसे के लिए नहीं किया जाता है। "अगर उसने इसे लागत मूल्य पर बेचा होता, तो यह दान होता। लेकिन उन्होंने इसे बहुत अधिक कीमत पर बेचा।"

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दिल्ली कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की लागत पर कोई मार्जिन तय नहीं है। इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने 'लालची व्यक्तियों' के लिए नहीं बल्कि 'जरूरतमंद व्यक्तियों' के लिए नीति को उदार बनाया है। अभियोजक ने कहा, "उनका इरादा धोखा देना और लाभ कमाना था और यह एक सफेदपोश अपराध है। उन्होंने सबूतों से भी छेड़छाड़ की है और अन्य सह-आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया है।"

इन अपराधों के तहत कालरा को किया गया था गिरफ्तार

अभियोजक ने अदालत से कालरा की जमानत याचिका खारिज करने का आग्रह किया। इससे पहले अदालत ने इस मामले में कालरा की पांच दिन की पुलिस हिरासत की मांग वाली दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया था। कालरा को दिल्ली पुलिस द्वारा धोखाधड़ी, एक लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा, आपराधिक साजिश, और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के बाद दक्षिण दिल्ली में रेस्तरां से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को जब्त करने के विभिन्न अपराधों के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान कथित ऑक्सीजन कंसंटेटर्स के कालाबाजारी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और खान मार्केट इलाके के दो महंगे रेस्तरां से 105 कंसंट्रेटर बरामद किए हैं।


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