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टूलकिट केसः दिशा रवि ने ही ग्रेटा से डिलीट करवाया था ट्वीट, दिल्ली पुलिस ने बताई वजह

टूलकिट केस मामले में दिल्ली पुलिस का बड़ा दावा दिशा रवि के कहने पर ही ग्रेटा थनबर्ग ने डिलीट किए ट्वीट UAPA के डर से दिशा ने हटवाए ट्वीट  

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Dheeraj Sharma

Feb 16, 2021

Toolkit case

दिशा रवि के कहने पर ग्रेटा ने हटाए ट्वीट

नई दिल्ली। टूलकिट ट्वीट मामला ( Toolkit Case ) लगातार तूल पकड़ रहा है। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में कई खुलासे किए हैं। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ( Greta thunberg ) से ट्वीट डिलीट करने के लिए दिशा रवि ने ही कहा था। दिशा के कहने पर ग्रेटा ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट को हटा दिया था।

इतना ही नहीं, थनबर्ग का संपादित ट्वीट भी दिशा रवि ने ही एडिट किया था। दिल्ली पुलिस ने दिशा की ओर ग्रेटा के ट्वीट डिलीट करने के पीछे भी बड़ी वजह बताई। आईए जानते हैं पूरा मामला।

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UAPA के डर से दिशा ने हटवाए ट्वीट
दिल्ली का दावा है कि यूएपीए ( UAPA ) के डर से दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग से अपना ट्वीट हटाने के लिए कहा था, क्योंकि उस दस्तावेज में उनका भी नाम शामिल था।

ये है UAPA
देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के मकसद से UAPA के तहत सख्त प्रावधान किए गए हैं। साल 1967 बने इस कानून में साल 2019 में मोदी सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे कड़ा बना दिया। यह कानून पूरे देश में लागू होता है।

इसके तहत केस में अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती और किसी भी भारतीय या विदेशी के खिलाफ इस कानून के तहत केस चल सकता है। अपराध की लोकेशन या प्रवृत्ति से कोई फर्क नहीं पड़ता। खास बात यह है कि विदेशी धरती पर किए गए क्राइम को लेकर भी इस कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। इस कानून का मुख्य मकसद आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटना है।

ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि किसान आंदोलन से जुड़ा टूलकिट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर आकाउंट से शेयर किया था। बाद में इस पर बवाल मचने के बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने उसी दस्तावेज का संपादित संस्करण ट्वीट करते हुए बताया था कि पिछला टूलकिट पुराना था, जिस वजह से उसे हटा दिया गया है।

अब दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि थनबर्ग ने दिशा रवि के अनुरोध पर अपना ट्वीट डिलीट किया था और बाद में, दस्तावेज का एक संपादित संस्करण साझा किया, जिसे खुद दिशा ने ही एडिट किया था।

दिशा ने वॉट्सऐप पर थनबर्ग को लिखा, 'ठीक है, क्या ऐसा हो सकता है कि आप टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें? क्या हम थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है।'

पुलिस ने दावा किया कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के डर से यह अनुरोध किया था।

युवा जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए टूलकिट साझा किया था।

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दस्तावेज में, 'ट्विटर स्टॉर्म' बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने समेत कई योजनाएं सूचीबद्ध की गई थीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बनाई गई थीं।

वॉट्सअप चैट से हुआ खुलासा
पुलिस के मुताबिक थनबर्ग और दिशा रवि के बीच वॉट्सऐप चैट की जांच के दौरान यह पाया गया कि दिशा ने ट्वीट को हटाने के लिए ग्रेटा थनबर्ग से अनुरोध किया था, क्योंकि टूलकिट के दस्तावेज में उनका नाम था।


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