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किसानों से हुई झड़प पर दिल्ली पुलिस की सफाई, पत्थरबाजी हुई तब हमने किया बल प्रयोग

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसानों के ग्रुप ने पहले जवानों पर पत्थरबाजी की। बाद में बल प्रयोग किया गया।

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Kapil Tiwari

Oct 02, 2018

Delhi police Statement

Delhi police Statement

नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मंगलवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस घटना को लेकर अब दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक बयान आया है। पुलिस की तरफ से कहा गया है कि किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के लिए बल का इस्तेमाल किया, किसानों के एक ग्रुप ने बैरिकैडिंग को तोड़ा और जमकर उत्पात मचाया। इतना ही नहीं पुलिस के जवानों पर पत्थरबाजी भी की गई। मजबूरन पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

23 सितंबर को हरिद्वार से चली थी किसान क्रांति यात्रा

आपको बता दें कि बीते 23 सितंबर को हरिद्वार से रवाना हुई किसान क्रांति यात्रा मंगलवार को दिल्ली की तरफ बढ़ रही थी। भारी मात्रा में दिल्ली पुलिस के जवानों को गाजीपुर पर तैनात कर दिया गया, जो दिल्ली-यूपी बॉर्डर है। पुलिस ने किसानों को वहीं रोकना चाहा, लेकिन वहां माहौल गर्म हो गया और पुलिस ने किसानों के उपर आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गईं।

किसानों ने पहले उत्पात मचाना किया शुरू- दिल्ली पुलिस

इस घटना के बाद दिल्ली पु्लिस के पीआरओ की तरफ से कहा गया है कि किसान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली में आना चाहते थे, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकना चाहा, लेकिन किसानों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। बयान में कहा गया है कि किसानों को इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि उनके प्रतिनिधियों की बैठक सरकार के साथ चल रही है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ किसानों ने टैक्ट्रर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। किसानों ने लाठी और पत्थर भी चलाए, जिससे पुलिस के कुछ जवान घायल भी हुए। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।

सरकार और किसानों के बीच सात मांगों पर बनी सहमति

जानकारी के मुताबिक, ये किसान दिल्ली में दाखिल होने के बाद राजघाट जाने की कोशिश कर रहे थे, जहां ये अपने प्रदर्शन को बढ़ाना चाहते थे। खैर इस संघर्ष के बाद जब किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच मीटिंग खत्म हुई तो ये सामने आई कि सरकार और किसानों के बीच सात मांगों पर सहमति बन गई है। वहीं दूसरी ओर सरकार की बात लेकर किसानों के बीच गए मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ किसानों ने नारेबाजी की और उनके आश्वासनों को 'फर्जी' कहते हुए मानने से इनकार कर दिया।


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