उमर खालिद के मुताबिक पिछले तीन दिन से उन्हें दांत दर्द की शिकायत है, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोई उपचार मुहैया नहीं कराया है। ऐसे में खालिद दर्द की वजह से रातों को सो नहीं पा रहा है।
दिल्ली में हुए दंगों के मामले में तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ नेता उमर खालिद का दर्द छलका है। अपने दर्द के चलते उमर खालिद ने दिल्ली कोर्ट में शिकायत भी की है। उमर ने कहा है कि पिछले तीन दिन वो दांत दर्द से परेशान है, लेकिन जेल प्रशासन उसे उपचार मुहैया नहीं करवा रहा है।
कोर्ट का बड़ा फैसला, अब बेटे की तरह शादीशुदा बेटियों का भी होगा पिता की नौकरी पर हक, कर सकती है दावा वहीं उमर की शिकायत के बात मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने जेल अधीक्षक को जेल नियमों के तहत खालिद को उपयुक्त उपचार मुहैया कराने के निर्देश दिए।
दो दिन में मांगी रिपोर्ट
इसके साथ कोर्ट ने जेल प्रशासन को दो दिन के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया है। जेल प्रशासन को दो दिन के अंदर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संबंधित जेल अधीक्षक को जेल नियमावली के मुताबिक आरोपी को उपयुक्त उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया जाता है।
जेल से बाहर भी ले जाने की अनुमति
कोर्ट ने कहा है कि जांच करने के लिए अगले दिन तक यदि दंत चिकित्सक जेल में उपलब्ध नहीं है, तो आवश्यकता पड़ने पर आरोपी को जेल के बाहर किसी दंत चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले जाया जा सकता है।
ये है खालिद की मुश्किल
दरअसल खालिद ने जो शिकायत की उसके मुताबिक जेल में एक दंत चिकित्सक के आने की उम्मीद थी लेकिन वह नहीं आए। वहीं प्रशासन ने कहा कि एक सप्ताह लग सकता है। ऐसे में उमर खालिद ने कहा कि अगले सप्ताह तक दंत चिकित्सक का इंतजार करने में मुश्किल होगी।
खालिद को एक अक्टूबर को किया था गिरफ्तार
अदालत ने खजूरी खास इलाके में हुए दंगे से संबंधित एक मामले में खालिद की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। खालिद को इस मामले में एक अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का चौंकाने वाला खुलासा, कमलनाथ सरकार गिराने में था पीएम मोदी का बड़ा हाथ आपको बात दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के एक मामले में एक अन्य आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। 16 दिसंबर को कोर्ट ने कहा था कि वह कथित तौर पर दंगों में सक्रिय रूप से शामिल था और उसे गैरकानूनी रूप से जुटी भीड़ के साथ एक वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस भीड़ ने ही दंगे को अंजाम दिया था।