न्यायमूर्ति एमएम सुंद्रेश की पीठ के अनुसार ‘यद्यपि हमारा विचार है कि याचिका में मांगे गए निर्देश की अनुमति नहीं दी जा सकती है। मगर कोई भी महान नेता और व्यक्तियों द्वारा किए गए बलिदान की उपेक्षा नहीं कर सकता।’
यह फैसला केके रमेश की तरफ से दायर याचिका पर दिया गया है। उन्होंने (भारत के प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव) निर्देश देने की मांग की थी। उन्होंने याचिका में युवा पीढ़ी को देश को स्वतंत्रता दिलाने को लेकर की गई उनकी मानवीय सेवाओं को समझने और उसकी सराहना करने को लेकर भारतीय मुद्राओं पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीरों की छपाई की दिशा में उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था।
अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका पर विचार किया जाना चाहिए। वहीं उत्तरदाता की तरफ से उपस्थित हुए वकील जी थलमुथारसु ने कहा कि याचिका विचार के योग्य नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ‘हमें नेताजी की महानता पर कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है, इसके अलावा उनका योगदान सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देने से शुरू होकर भारतीय राष्ट्रीय सेना के निर्माण तक प्रतिष्ठित है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अतुलनीय है।’