जानिए, कैसे अटल जी ने नमिता को बनया था अपनी दत्तक पुत्री।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। अटल जी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। ये तो सब जानते हैं कि नमिता उनकी दत्तक पुत्री हैं। लेकिन, यह बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर नमिता उनकी दत्तक पुत्री बनीं कैसे? चलिए, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नमिता अटल जी की दत्तक पुत्री कैसे बनीं और क्यों बनीं?
नमिता की मां और अटल दोनों कॉलेज दोस्त थे
दरअसल, अटल जी और नमिता भट्टाचार्य की मां राजकुमारी कॉल कॉलेज के साथी थे। दोनों ने विक्टोरिया कॉलेज से पढ़ाई की थी। हालांकि, चर्चा यह भी था कि अटल जी और राजकुमारी कॉल के बीच प्रेम-प्रसंग भी था। लेकिन, कुछ ही समय बाद राजकुमारी कॉल की शादी कॉलेज के ही प्रोफेसर ब्रिज नारायण कॉल से हो गई। इसके बाद अटल जी भी अपने जीवन में आगे बढ़ गए और राजकुमारी कॉल अपनी गृहस्थी में लग गई। हालांकि, दोनों के बीच दोस्ती बनी रही।
पीएम आवास में अटल जी ने नमिता को दत्तक पुत्री का दिया था दर्जा
शादी के कुछ समय बाद मिसेज कौल का परिवार दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज कैम्पस में रहने लगा। उस वक्त अटल जी राजनीति में काफी सक्रिय हो चुके थे और देश के जाने-माने नेता बन चुके थे। अटल बिहारी वाजपेयी जब पीएम बने तो उनके सरकारी निवास पर राजकुमारी कौल अपनी बेटी नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य के साथ रहने आ गईं। उसी समय अटल जी ने नमिता को अपनी दत्तक पुत्री का दर्जा दिया था और कौल परिवार ही उनकी देखरेख किया करता था। अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की थी, लेकिन नमिता भट्टाचार्य उनकी बेटी बन चुकी थीं। यहीं से शुरू हुआ अटल जी और नमिता के बीच पिता और पुत्री का रिश्ता। हालांकि, जब 2014 में राजकुमारी कौल की मौत हुई तो देश के कई बड़े अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा। लेकिन, कभी भी अटल जी और राजकुमारी कॉल का रिश्ता चर्चा का विषय नहीं बना।