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भूकंप के झटकों से थर्राया दिल्ली-NCR, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मापी गई

locationनई दिल्लीPublished: Jul 01, 2018 04:26:48 pm

Submitted by:

Prashant Jha

दिल्ली के नरेला में भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं हरियाणा के रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है।

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भूकंप से झटकों से थर्राया दिल्ली-NCR, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मापी गई

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 3 बजकर 37 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए । भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है। भूकंप के झटके से कई जगहों पर लोग घरों से बाहर निकल आए। दिल्ली के नरेला में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं हरियाणा के रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र हरियाणा का सोनीपत था। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में भूकंप झटके

हिमाचल प्रदेश में 23 जून को तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3 मापी गई । भूकंप सुबह लगभग 2.37 बजे आया । इस दिन भूकंप का केंद्र जम्मू एवं कश्मीर सीमा से सटा चंबा था। भूकंप के झटकों से हिमाचल में दहशत का माहौल बन गया है, लोग अपने घरों से बाहर आ गए ।
भूकंप से कांपा उत्तराखंड

वहीं 14 जून को देवभूमि उत्तराखंड तड़के भूकंप के झटकों से कांप उठा। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुबह करीब 6 बजे लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है और इसका केंद्र उत्तरकाशी में ही 10 किलोमीटर नीचे था। फिलाहल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और ना ही किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले 9 मई को दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई है. भूकंप का केंद्र काबुल से 182 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है।
ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता

गौरतलब है कि जब भी भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं तो उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि रिक्टर स्केल पर अगर भूकंप की तीव्रता 6 से कम होती है तो उसे नुकसानदायक नहीं कहा जा सकता। वहीं अगर यह तीव्रता 7 से 9 के बीच मापी जाती है तो इमारतों के गिरने और समुद्री तूफान आने का खतरा होता है। जब भूकंप 9 से ऊपर के रिक्टर स्केल पर आता है तो भारी तबाही का कारण बन जाता है।
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