
कोरोना से संबंधित सुरक्षा मानकों पर अमल करने का आदेश।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बाद पहली बार पटना में आज से स्कूल आशिंक तौर पर खुल गए। 6 माह बाद स्कूल खुलने के बावजूद बहुत कम संख्या में छात्र स्कूल पहुंचे। कम संख्या में छात्रों के आने की एक वजह यह है कि अभी केवल कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र और कर्मचारियों के लिए स्कूलों को खोला गया है। दूसरी और सबसे बड़ी वजह यह है कि कोरोना संक्रमण की वजह से अधिकांश माता-पिता छात्रों को स्कूल भेजने के सरकार के फैसले से सहमत नहीं हैं।
स्कूलों को फिर से खोलने की इजाजत बिहार शिक्षा विभाग ने दी है। ताकि छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति लेने के बाद स्कूल पहुंचकर शिक्षकों से मार्गदर्शन ले पाएं। फिलहाल स्कूल प्रबंधकों से कहा गया है कि स्कूल आने से इच्छुक छात्रों के अभिभावकों से पहले इस बात की लिखित में सहमति ले लें।
बता दें कि पटना के सरकार और गैर सरकारी स्कूल कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बाद से बंद पड़े थे। 6 महीने बाद आज इन स्कूलों के ताले खुले हैं। सभी स्कूलों के प्रबंधकों व प्रिंसिपलों से सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मानक संचालन प्रक्रियाओं पर सख्ती से अमल करने को कहा गया है।
स्कूलों को खोलने और सुरक्षा इंतजामों को लेकर पटना के स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना है कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। क्लासरूम को सैनिटाइज किया गया है। स्कूल में हैंड सैनिटाइजर मशीनें लगाई गई हैं। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
वहीं एक मिशनरी स्कूल के प्रबंधक ने बताया कि बहुत कम अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमत हुए हैं। अधिकांश अभिभावक छात्रों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।
पटना हाई स्कूल के प्रिंसिपल राजीव रंजन ने बताया कि स्कूल आने वाले छ़ात्रों को मास्क पहनकर आने के लिए कहा गया है। स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जाएगा। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कक्षाएं चुनाव के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल स्कूलों में कम्पार्टमेंट परीक्षा और मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है।
Updated on:
28 Sept 2020 12:48 pm
Published on:
28 Sept 2020 12:42 pm
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