
संसद में कृषि बिलों पर किसी ने कोई कमी नहीं बताई।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है। किसान संघों के नेता 100 दिनों के बाद भी कानूनों को वापस लेने की जिद्द पर अड़े हैं। अब किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ वार्ता को तैयार हैं, बशर्ते बातचीत बिना शर्त हो। वहीं सरकार का कहना है कि वह आंदोलनकारी किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है।
विपक्षी दलों पर साधा निशाना
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए नए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। अन्नदाता का अहित करके राजनीतिक मंसूबे को पूरा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कृषि-अर्थव्यवस्था की कीमत पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने और किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
बिल की कमी क्या है, किसी ने नहीं बताया
कृषि मंत्री ने कहा कि मैंने किसान संगठनों के प्रतिनिधयों से 12 बार लंबी चर्चा की है। कई आवश्यक विषयों पर संशोधन का प्रस्ताव भी दिया। लोकसभा और राज्यसभा में भी मैंने सरकार के पक्ष को रखा। संसद में हर दल के सदस्य ने इस विषय पर बात रखी। लेकिन एक भी सदस्य ने कृषि सुधार बिल में किस बिंदु पर आपत्ति है या इसमें क्या कमी है, यह नहीं बताया।
Updated on:
07 Mar 2021 04:05 pm
Published on:
07 Mar 2021 03:45 pm
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