इसके अलावा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा 11वें दौर की बैठक के लिए सरकार के साथ फिर से बैठक करेगा। किसान संगठनों के नेता सरकार को अपना आधिकारिक फैसला उसी बैठक में बताएंगे।
बीच का रास्ता निकालने में जुटी केंद्र सरकार अभी तक किसान आंदोलन ने सरकार की सियासी तकलीफ बढ़ाई है। ऐसा इसलिए कि समस्या समाधान का रास्ता निकल नहीं रहा है। दूसरी तरफ विपक्ष हमलावार होता जा रहा है। केंद्र का प्रस्ताव बीच का रास्ता निकालने के लिहाज मुफीद माना जा रहा है। इसीलिए सरकार ने किसानों के सामने अब तक सबसे बड़ा प्रस्ताव रखा है।