23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसानों ने आम जनता से हाथ जोड़ कर मांगी माफी, कहा- ‘हम मजबूर है’

किसानों ने अपने लेटर में ये भी लिखा है कि कि, हमारे PM ने हमारे लिए तीन कानूनों का तोहफा दिया है लेकिन हमें ये तोहफ़ा नहीं चाहिए। हमें सौगात ही देनी है, तो फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दें।

2 min read
Google source verification
Farmers protest open letter apologies to common man

Farmers protest open letter apologies to common man

नई दिल्ली। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे हुए हैं। लगातार धरने के बीच पहले भारत बंद बुलाया गया, उसके बाद आज किसानों ने एक दिन का भूख हड़ताल भी रखा। इनसब के बीच किसानों ने आंदोलन की वजह से आम जनों को हो रही तकलीफ़ के लिए माफी मांगी है। किसान संगठनों ने बकायदा एक माफीनामा जारी किया है, जिसमें उन्होंने माफी मांगते हुए आम लोगों से अपनी बात रखी है।

कृषि कानूनों का विरोध: आंदोलन तेज, आज दिल्ली-जयपुर हाइवे जाम

हम किसान हैं

अपने माफीनामें में किसानों ने लिखा कि, “हम किसान हैं, लोग हमें अन्नदाता कहते हैं। हमारे देश के मुखिया हमारे लिए तीन कानूनों का तोहफा दिया है लेकिन हमें ये तोहफ़ा नहीं चाहिए। हमें सौगात ही देनी है, तो फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दें।

हमारा जनता को तकलीफ नहीं देना चाहते हैं हम सड़कों पर मजबूरी में बैठे हैं, फिर भी हमारे इस आंदोलन से जिन्हें तकलीफ हो रही है, हम उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं।”

इसमें किसानों ने आगे लिखा है कि हम किसी भी हालत में बीमार या बुजुर्ग को दिक्कत नहीं होने देगें। कहीं भी एंबुलेंस रुकी हो या और कोई इमरजेंसी हो तो आप हमारे वॉलिंटियर्स से संपर्क करें। आप की मदद फौरन की जाएगी। किसानों ने आगे लिखा है कि ‘हम किसान हैं, हमें दान नहीं दाम चाहिए’

सीएम Ashok Gehlot बोले, 'Narendra Modi सरकार तीनों कृषि कानून वापस लें और अन्नदाता से माफ़ी मांगे’

18 दिनों से दे रहे धरना

बता दें नए कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों के किसान पिछले 18 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। आज यानी सोमवार को किसानों ने अपने आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए एक दिन का उपवास भी रखा था। किसान आंदोलन में भूख हड़ताल पर बैठे किसानों ने अपना उपवास शाम 5 बजे तोड़ा था। उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल रखा था।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग