
नई दिल्ली.
इमरजेंसी ड्यूटी पर जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं को सम्मान देते हुए केंद्र सरकार ने तय किया है कि इनके बेटे-बेटियों को मेडिकल शिक्षा में प्राथमिकता दी जाएगी। एमबीबीएस, बीएएमएस या बीडीएस जैसे पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए इनके लिए अलग से एक श्रेणी बनाई गई है। वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय कोटे से होने वाले दाखिले में पांच सीटें इनके लिए आरक्षित की गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने इसके लिए नियमों में जरूरी बदलाव को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत अब अगले शैक्षणिक सत्र से केंद्रीय पूल के तहत होने वाले दाखिल में कोरोना योद्धाओं के परिजन की अलग से श्रेणी होगी। हर्ष वर्धन ने कहा कि कोरोना की आपदा के दौरान इन लोगों ने जिस तरह का बलिदान किया है उसे स्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इन लोगों ने मानवता की रक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया है।
कौन होंगे इस श्रेणी में
कोरोना योद्धा के तौर पर इस श्रेणी में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने या तो कोविड-19 की वजह से जान गंवाई हो या फिर कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान किसी हादसे में मारे गए हों।
हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकारा
जो कोरोना से अपनों को खो रहे हैं, उन्हें आप क्या जवाब देंगे दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब हमने आपसे सवाल किया, तब आप हरकत में आए। दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण बढऩे के बीच अपनी तैयारियों की जानकारी गुरुवार को हाईकोर्ट में दी। कोर्ट ने कहा कि शादी समारोह में लोगों की संख्या इतनी देर से कम क्यों की?18 दिन इंतजार क्यों किया? रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। कोई न कोई अपने करीबी या परिजन को खो रहा है। उन्हें क्या जवाब देंगे?
Published on:
20 Nov 2020 01:10 pm
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