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द प्रेसिडेंशियल ईयर्स में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दावा – कांग्रेस में नहीं है करिश्माई नेतृत्व की क्षमता

पीएम मोदी को दी इस बात की सलाह। विपक्ष की भूमिका पर भी उठाए हैं सवाल।

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pranab mukherjee

यूपीए औसत दर्जे की सरकार थी।

नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब द प्रेसिडेंशियल ईयर्स विवादों के बीच प्रकाशित कर दी गई है। इस किताब पर कांग्रेस और सोनिया गांधी पर टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बाद प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने किताब पर तब तक रोक लगाने की मांग की थी जब तक कि वो उसे पढ़ नहीं लेते। मगर इससे ठीक उलट उनकी बहन और प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने किताब पर रोक लगाने की अपने भाई कि मांग को गलत बताया था।

विवाद क्यों?

दरअसल, प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है कि कांग्रेस का अपने करिश्माई नेतृत्व के खत्म होने की पहचान नहीं कर पाना 2014 में उसकी हार का एक बड़ा कारण बना और इसी वजह से यूपीए सरकार एक मध्यम स्तर के नेताओं कि सरकार बन कर रह गई थी। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने ये भी लिखा है कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में संसद को सुचारू रूप से चलाने में विफल रहे। इसकी वजह उसका अहंकार रहा। इसी पुस्तक में उन्होंने विपक्ष कि भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।