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गुजरात के इस महल में समलैंगिक सीख सकेंगे कंप्यूटर और अंग्रेजी

गेे राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल ने समलैंगिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया एलजीबीटीक्यू रिसोर्स सेंटर

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मानवेंद्र सिंह गोहिल गुजरात के राजपिपला के राजकुमार हैं। इनदिनों वे अपने 15 एकड़ जमीन पर बने महल पर एलजीबीटीक्यू (लेसबियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर) के लिए रिसोर्स सेंटर खोलने की तैयारी में लगे हैं। मानवेंद्र ने अपने महल के एक हिस्से में इस रिसोर्स सेंटर का निर्माण किया है जिसे उन्होंने 'हनुमंतेश्वर 1927' नाम दिया है। रिसोर्स सेंटर में क्या होगा? जवाब में मानवेंद्र बताते हैं- हम अपने समुदाय के लोगों को कंप्यूटर, अंग्रेजी भाषा और अन्य चीजों का प्रशिक्षण देंगे। इससे भविष्य में उन्हें जॉब मिलने की संभावाना बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो पाएंगे। खास बात यह है कि इस सेंटर का हिस्सा एलजीबीटीक्यू के साथ वह लोग भी होंगे जो इस समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं।
मानवेंद्र कहते हैं- दुख होता है यह देखकर कि हमारे देश में आज भी लोग खुद को समलैंगिक बताने से डरते है। सच्चाई बताने पर उनकी जान को भी कई बार खतरा हो सकता है। इन्हीं बातों को देखकर मैंने एक दिन निर्णय लिया कि मैं समाज के सामने आऊंगा, अपनी सच्चाई बताऊंगा। आज मुझे गर्व है कि मैं एक समलैंगिक हूं।

2006 में कबूली थीं समलैंगिक होने की बात
मानवेंद्र देश के पहले राजकुमार हैं जिन्होंने समाज के डर की परवाह किए बैगर अपने समलैंगिक होने की बात कबूल की थी। २००६ में मानवेंद्र ने खुद को समलैंगिक बताया इसके बाद परिवार के लोगों ने उन्हें बहिष्कृत कर दिया। फिर उन्होंने अपने जैसे लोगों के लिए एक संस्था लक्ष्य की शुरुआत की। आज उनकी संस्था समलैंगिक पुरुषों तथा ट्रांसजेंडरों के साथ उनके लिए ही काम करती है।

पुलिस करती थी परेशान
मानवेंद्र अपना रोल मॉडल गे एक्टिविस्ट अशोक रो कवि को मानते हैं। अशोक ने ही उन्हें समलैंगिक की दुनिया से अवगत कराया और संस्था लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित किया। मानवेंद्र के मुताबिक गुजरात में इस तरह का संस्था शुरू करना आसान नहीं था। लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही थी कि एक समलैंगिक ने दूसरे समलैंगिकों के लिए संस्था क्यों बनाई। इसलिए शुरुआती दौर में घर, परिवार, समाज के लोगों के साथ पुलिस की ओर से लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ा था।

एड्स रोकने के लिए मुहिम शुरू की
उनकी संस्था लक्ष्य एलजीबीटीक्यू लोगों को शिक्षित करने का काम करती है। उन्हें एचआईवी और एड्स से बचाव की सही सलाह देती है। मानवेंद्र ने विदेशी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे लिए भारत में गे समुदाय के लिए कुछ करना आसान कभी नहीं रहा। हमारे देश में समलैंगिकता कानून जर्म है। लोगों को लगता है कि विदेशी संस्कृति के प्रभाव की वजह से भारत के लोग भी समलैंगिकता की तरफ जा रहे हैं। जो की गलत है।


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