
नई दिल्ली। राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल्स मूल्यनिर्धारण प्राधिकारण(एनपीपीए) के विश्लेषण में अस्थि रोग संबंधित रोगों के निदान संबंधी घुटना प्रत्यारोपण के कारोबार में 313 प्रतिशत तक का औसत व्यापार लाभ कमाए जानेे का मामला सामने आया है। इसको लेकर एनपीपीए ने कहा कि आयातकों, वितरकों और अस्पतालों ने भारी व्यापार मुनाफा कमाया है जो कि 67 प्रतिशत से लेकर 449 प्रतिशत तक के बीच हो सकता है। दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने कहा कि उसने आधिकारिक सूत्रो विनिर्माताओं और आयातकों से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आर्थाेपेडिक घुटना प्रत्यारोपण पर व्यापार के लाभ का विश्लेषण किया गया है। घुटना प्रत्यारोपण पर आयातकों का औसत लाभ 76 प्रतिशत पाया गया जबकि वितरकों और अस्पतालों क औसत लाभ 135 प्रतिशत तक पाया गया। एनपीपीए ने कहा कि उसके विश्लेषण के अनुसार घुटना प्रत्यारोपण पर कुल औसत व्यापार लाभ 313 प्रतिशत का था।
उपकरणों से कमाया जा रहा मोटा मुनाफा
विश्लेषण से पता चला है कि पर्याप्त व्यापार लाभ के अलावा, आयातित घुटने के प्रत्यारोपण और उनके एमआरपी मूल्य में एक बड़ी असमानता है। बाजार में उपलब्ध उत्पादों की कीमत काफी भिन्न होती है। उदाहरण के लिए घुटने के प्रत्यारोपण सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले एक उपकरण फेमोरल की अधिकतम लैंडिंग की कीमत 29,470 रुपये है, जबकि उसका एमआरपी 1,69,123 रुपये है। वहीं यह उपकरण डिस्ट्रीब्यूटर को 83,000 रुपये में उपलब्ध है। विश्लेषण में पता चला है कि घुटने के प्रत्यारोपण की कुल एमआरपी 4,13,095 रुपये है, जबकि आयातक के लिए लैंडिड प्राइज 65,781 रुपये है। पता चलता है कि डिस्ट्रीब्यूटर को जो उत्पाद 1,67,162 रुपए में मिलता है उस पर वह वह 2,45,297 रुपए या 147 प्रतिशत का लाभ कमाता है।
आवश्यक दवाई की लिस्ट में रखा था
शुरुआत में नियामक ने 19 सामान्य इस्तेमाल किए गए चिकित्सा उपकरणों जैसे कैटलर, हार्ट वॉल्व, आर्थोपेडिक इम्प्लांट्स और इंट्राक्लोरल लेंस को आवश्यक दवाई की लिस्ट में रखा था और स्वास्थ्य मंत्रालय से इन दवाओं के मूल्य में कमी लाने की सिफारिश की थी। माना जा रहा है कि एनपीपीए की ओर से किया गया गई घुटने के प्रत्यारोपण के मूल्य के आंकड़ों का विश्लेषण सरकार को कीमत नियंत्रण में लाने के लिए एक मजबूत आधार देता है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय है क आदेश के बाद ही दन उपकरणों को एनएलईएम के तहत रखा जा सकता है, जिसके बाद एनपीपीए को घुटने के प्रत्यारोपण के मूल्यों को कैप करने का अधिकार दिया जाएगा।
Updated on:
05 Aug 2017 11:42 am
Published on:
05 Aug 2017 11:40 am
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