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अब इंजीनियरिंग से लेकर डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए सिर्फ एक जगह आवेदन

नेशनल टेस्टिंग सिस्टम का गठन करने की तैयारी। लाखों छात्रों को होगा फायदा। सीबीएसई बोर्ड से अतिरिक्त काम का बोझ हटेगा। 

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rohit panwar

Jan 07, 2017

jee main

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नई दिल्ली. अब आईआईटी और आईआईएम की परीक्षा से लेकर डॉक्टरी के लिए नीट की परीक्षा अलग-अलग विभाग आयोजित नहीं करेंगे। अमरीका की तर्ज पर केवल एक अथॉरिटी सभी केंद्रीय परीक्षाएं आयोजित करेगी। इस अथॉरिटी का नाम नेशनल टेस्टिंग सिस्टम होगा। ऐसे में, सीबीएसई जैसी संस्थाओं से दबाव कम होगा और वो शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दे पाएगी।

मंत्रालय ने प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा

इस साल इसका गठन हो सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बाबत प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है। इसमें कहा गया कि अमरीका की एजुकेशनल टेस्टिंग सविर्स (ईटीएस) की तरह देश में एनटीएस संस्था का गठन होना चाहिए। बहरहाल, सूत्रों के अनुसार इस साल इसे मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि इसके गठन के बाद यह 40 लाख छात्रों के लिए करीब सात मुख्य परीक्षाएं आयोजित करेंगी। इनमें आईआईटी के लिए जेईई परीक्षा, आईआईएम के लिए कैट, गेट, सीमैट, शिक्षण क्षेत्र में जाने के लिए नेट की परीक्षा और एमबीबीएम व बीडीएस कोर्स में दाखिला लेने के लिए नीट परीक्षा शामिल हैं। फिलहाल ये परीक्षाएं अलग-अलग संस्थाएं आयोजित करती हैं।

क्या होगा फायदा

फिलहाल सीबीएसई बोर्ड पर सबसे ज्यादा दबाव है। वो न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था का पूरा काम देखता है बल्कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए जेईई-मेन जैसी कई परीक्षाएं भी आयोजित करता है। बोर्ड कई बार कह चुका है कि इन अतिरिक्त कामों के कारण वो अक्सर शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाता। इससे 10वीं व 12वीं जैसी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जारी होने में कई बार देरी होती है। अब एनटीएस बनने से सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य शिक्षण संस्थाएं अपने काम पर ध्यान दे पाएंगी। इससे छात्रों की शिक्षा पर भी असर नहीं पड़ेगा। उनका परिणाम समय पर जारी हो पाएगा।

छात्रों को नहीं देना होगा अतिरिक्त शुल्क

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनटीएस के गठन के बाद छात्रों को हर परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क नहीं देना होगा। मान लीजिए स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग पढऩे के बाद छात्र आईआईएम से एमबीए करना चाहता है। इसके अलावा उसकी रुचि नेट परीक्षा पास कर अध्ययन क्षेत्र में भी जाने की भी है तो वो एनटीएस में महज एक फॉर्म से कैट और नेट दोनों के लिए आवेदन कर सकेगा। उसे अलग-अलग शुल्क नहीं देना होगा। फिलहाल हर टेस्ट के लिए अलग-अलग एजेंसियां अलग-अलग शुल्क लेती हैं।

एप्टीट्यूड टेस्ट अनिवार्य

एनएसटी संस्था एक एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करेगी। एप्टीट्यूड टेस्ट में वैज्ञानिक अभिरुचि एवं नवोन्मेषी तरीके से सोचने की क्षमता की जांच की जाएगी। एप्टीट्यूड टेस्ट साल में दो या इससे ज्यादा बार आयोजित होगा। यह एक ऑनलाइन परीक्षा होगी। समिति ने यह सिफारिश भी की है कि टेस्ट के जरिये वैज्ञानिक सोच परखी जाएगी। कोचिंग के चलन को कम करने की कोशिश की जाएगी। अहम बात यह है कि नीट, नेट, कैट या जेईई में आवेदन करने वाले हर छात्रों को यह टेस्ट पास करना होगा। इसके आधार पर एनटीएस संस्था उनकी मूल परीक्षा आयोजित करेगी।

क्या पड़ा असर

- 45 फीसदी अतिरिक्त काम है सीबीएसई बोर्ड के पास परीक्षा आयोजित करने से जुड़े
- 30 फीसदी सीबीएसई परीक्षाओं के परिणामों के जारी होने में देरी होती है फिलहाल
- 70 हजार छात्र बीते साल 12वीं का परिणाम समय पर जारी न होने पर उच्च शिक्षा के लिए कई परीक्षाएं नहीं दे पाए
- 2 गुना कमी आएगी छात्रों द्वारा दिए जाने वाले प्रवेश परीक्षा के शुल्क में एनटीएस लागू होने पर


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