
नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। कुछ ही घंटों में परिणाम सामने आ जाएंगे। राज्य की सियासत में जाटों के वोट अहम भूमिका निभाने वाले हैं। यहां पर 30 फीसदी जाट समुदाय के वोट काफी अहम है। हालांकि जाटलैंड के इलाकों में विपक्षी दल काफी मजबूत स्थिति में हैं। यहां विपक्षी चक्रव्यूह को भेदने में भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
क्या है जाटलैंड और कौन-सी सीटें हैं महत्वपूर्ण
हरियाणा में रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद, कैथल, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी जिले की करीब 30 विधानसभा सीटों पर जाटों का अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलता है। इस कारण इलाके को जाटलैंड कहा जाता है। यहां की सीटों पर जाट समुदाय के वोट ही हार-जीत का फैसला करते हैं। बीते कई चुनावों में यहां की सीटों पर भाजपा के बड़े दिग्गज को भी कड़ी चुनौती मिल चुकी है।
भाजपा के जाट बिरादरी के दो बड़े मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ अपनी बादली और नारनौंद सीट पर कैप्टन अभिमन्यू के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला टोहाना से कड़े मुकाबले में हैं। इसके बाद गढ़ी सांपला, किलोई, बेरी, महम, कैथल, ऐलनाबाद जैसी कई विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार को विपक्षी प्रत्याशियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। बीजेपी को किसी सीट पर जेजेपी से तो किसी पर कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है।
Updated on:
24 Oct 2019 09:59 am
Published on:
24 Oct 2019 09:10 am
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