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इस शोध को करने वाले प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डॉ. कमल शर्मा ने बताया कि यह सर्वे 2483 स्वस्थ लोगों के वैस्कुलर एज पर किया गया था। ये सारे लोग हमारे पास स्वास्थ्य की जांच के लिए आए थे। बता दें कि वैस्कुलर एज जानने के लिए फ्रेमिंगम वैस्कुलर एज कैलकुलेटर का प्रयोग किया गया था। इस मशीन के जरिए ब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्रॉल, डायबीटीज जैसी चीजों को का पता लगाया गया। इस स्टडी में कई डॉक्टर्स की टीम शामिल थी।
शोधकर्ता डॉक्टर्स ने बताया कि गुजराती लोगों में अक्सर हाई कॉलेस्ट्रॉल, हाई बीपी की समस्या पाई जाती है, तो वहीं बढ़े हुए पेट की चर्बी के कराण इस तरह की समस्या और बढ़ जाती है। इन स्वास्थ्य समस्यों से हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।
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वहीं , शोधकर्ताओं में से एक अन्य डॉ. शर्मा ने इस बारे में बताया कि जांच में लोगों की उम्र और उनके दिल की उम्र में 9.5 साल का अंतर मिला। इस अंतर से पता चलता है कि फिजिकल उम्र से हार्ट की उम्र लगभग 10 साल ज्यादा है। वहीं, अक्सर लोग ये सोचते हैं कि हमारी उम्र इतनी नहीं हुई कि हमे दिल संबंधित कोई बीमारी होगी, लेकिन लगभग 30 की उम्र वाले लोगों को भी दिल की समस्या हो सकती है। डॉ. ने कहा कि इस शोध का मकसद बस इतना है कि गुजरातियों को दिल से संबंधी बीमारियों में लापरवाई नहीं बरतनी चाहिए।