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देशद्रोह और हत्‍या के मामले में संत रामपाल पर आज आ सकता है हिसार कोर्ट का फैसला

संत रामपाल पर हत्‍या और देशद्रोह जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। हरियाणा सरकार में रामपाल जूनियर इंजीनियर की नौकरी कर चुके हैं।  

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sant rampal

देशद्रोह और हत्‍या के मामले में संत रामपाल पर आज आ सकता है हिसार कोर्ट का फैसला

नई दिल्‍ली। चार साल पहले सतलोक आश्रम के संत रामपाल की गिरफ्तारी के समय कोहराम मचा था। इस घटना से हरियाणा की बदनामी चारों तरफ हुई थी। सतलोक आश्रम वाले मामले में हत्या और देशद्रोह के आरोपी कबीरपंथी संत की किस्मत का आज फैसला होना है। हिसार कोर्ट का इस मामले में आज अंतिम फैसला आ सकता है। कोर्ट के फैसले के मद्देनजर हरियाणा, राजस्‍थान, पंजाब जैसे राज्‍यों में पुलिस प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं।

हिसार में धारा 144 लागू
संत रामपाल के किस्‍मत पर आज के फैसले को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पुलिस प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। हिसार कोर्ट के फैसले को देखते हुए वहां पर धारा 144 लागू कर दिया गया है। साथ ही हरियाणा, पंजाब, राजस्‍थान व उनके समर्थकों के प्रभाव वाले क्षेत्र में विशेष पुलिस बलों को तैनात किया गया है। हरियाणा सरकार ने कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने 13,000 पुलिस बलों को अलग से ड्यूटी लगाई है। आरपीएफ की पांच बटालियन को सहित 700 रिजर्व पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई है।

क्‍या है आरोप ?
रामपाल पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है। इसी मामले में वह चार से जेल में हैं। 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। रामपाल ने स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक शख्स की मौत हो गई थी। 2013 में एक बार फिर आर्य समाजियों और रामपाल के समर्थकों के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना में करीब 100 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा रामपाल पर पुलिस और कोर्ट के काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है। चार साल पहले सतलोक आश्रम में खूनखराबे का आरोप भी उनपर है। इन मुकदमों की सुनवाई हिसार की सेंट्रल जेल वन में बनाई गई स्पेशल कोर्ट में चल रही है। बता दें कि रामपाल की गिरफ्तारी के बाद सतलोक आश्रम से करीब 15 हजार समर्थकों को निकाला गया था। रामपाल और अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के दो मामले हैं जिनपर फैसला आना है।