
Suprem Court
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सीलिंग का मुद्दा हमेशा ही बड़ा रहा है और वर्तमान समय में भी ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में सीलिंग मामले को लेकर सुनवाई होगी। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिहायशी इलाकों में अभी भी अवैध औद्योगिक फैक्ट्रियां चल रही हैं, जबकि इनको सील करने की निगरानी समिति 14 साल पहले ही गठित कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी पांच हजार फैक्ट्रियां रिहायशी इलाकों में चल रही हैं। इस पर दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कोर्ट को बताया था कि रिहायशी इलाकों में चल रही सभी अवैध औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में सील कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीलिंग के पूर्व 48 घंटे का नोटिस दिए जाने की शर्त को खत्म करने पर जवाब मांगा था। निगरानी समिति की ओर से कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा गया था कि इस वर्ष अगस्त तक 15,888 अवैध औद्योगिक इकाइयों को सील किया जा चुका है। बची अवैध इकाइयां 15 दिन में सील कर दी जाएंगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साल 2004 में इन इकाइयों को सील करने के लिए कमेटी का गठन हुआ था। केंद्र सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश में कहा गया है कि सीलिंग के 48 घंटे पूर्व नोटिस दिया जाएगा, जबकि निगरानी समिति का कहना है कि नोटिस नहीं दिया जाएगा।
Published on:
27 Nov 2018 09:07 pm
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