दरअसल, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच शाखा की ओर से जिस रैकेट का पर्दाफाश किया गया, वह स्किमर के जरिए कार्ड की क्लोनिंग कर रहा था। इसके जरिए वह संबंधित व्यक्ति के अकाउंट से लाखों रुपए एक झटके में गायब कर देता था। संबंधित व्यक्ति को काफी समय तक इसकी भनक भी नहीं लगती थी। इस गिरोह के लोग स्किमर सहित अन्य चीजों के लिए बाकायदा कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था।
क्राइम ब्रांच ने जिस गिरोह का पर्दाफाश किया है, उसका सरगना और मास्टरमाइंड मोहम्मद फैज है। ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले स्किमर यानी जिसके जरिए ग्राहक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड का डाटा कॉपी होता था, उसे आरोपियों ने चूहा कोडवर्ड नाम दिया था, जबकि मैग्नेटिक कार्ड रीडर के जरिए कार्ड में डाटा ट्रांसफर होता था, उसे बड़ा चूहा कोडवर्ड नाम दिया गया था।
इस गिरोह के लोग जिन जगहों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे, उसमें दो जगह मुंबई की और एक जगह पुणे की है। चूहा और बड़ा चूहा कोडवर्ड के जरिए इस गिरोह ने अब तक एक हजार से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है। यह गिरोह काफी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूटता था।