Highlights.
– अंतिम चरण में दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का निर्माण
-2021 में देश के अन्य हिस्सों की रेल सेवा से जुड़ जाएगी कश्मीर घाटी
-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक, 27949 करोड़ रुपए की योजना
नई दिल्ली. रेल सेवा से कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोडऩे की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना अंतिम चरण में पहुंच गई है। अगले साल के अंत तक कटड़ा-बनिहाल रेल लिंक का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। इसी क्षेत्र में दुनिया का सबसे ऊंचे रेल पुल का निर्माण चल रहा है। इसके पूरा होते ही देश के अन्य हिस्सों से श्रीनगर-बारामूला रेल सेवा से जुड़ जाएगा।
देश का ताज और हिमालय की गोद में बैठे कश्मीर घाटी को रेल सेवा से जोडऩे की कोशिश बरसों से चल रही है। इसको लेकर शुरू की गई राष्ट्रीय महत्व की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के सबसे कठिन कटड़ा-बनिहाल रेंज का काम अंतिम चरण में है। इसी रेंज में शिवालिक और पीर पंजाल की दुर्गम पर्वत है। यही पर दुनिया का सबसे ऊंचे रेल पुल का निर्माण हो रहा है। यह चिनाब नदी पर बनाया जा रहा है।
97 किमी सुरंग में रेल लाइन कटड़ा बनिहाल रेल लिंक की कुल लंबाई 111 किलोमीटर है। इसमें से 97 किलोमीटर लाइन सुरंग में होकर गुजर रही है। इसमें भी सबसे अधिक लंबी सुरंग 12.49 किलोमीटर की टी-49 है। इस लिंक में कुल 38 सुरंग और 927 पुल बनाए जा रहे हैं। जबकि 9 स्टेशन भी सुरंग और पुल पर ही है।
73 फीसदी राशि खर्च सिर्फ कटड़ा बनिहाल रेल लिंक की लागत 21653 करोड़ रुपए हैं। इसमें से 15887 करोड़ रुपए यानी 73 फीसदी राशि नवंबर तक खर्च की जा चुकी है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के 4 में से 3 चरण पूरे
1. उधमपुर-कटरा-25 किलोमीट लंबा यह चरण जुलाई 2014 में पूरा हुआ 2. कटड़ा-बनिहाल-111 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर काम चल रहा है। 3. बनिहाल-काजीगंज-18 किलोमीटर लंबे इस चरण को जून 2013 में पूरा किया गया
4. काजीगंज-बारामूला-118 किलोमीटर लंबे अलग-अलग चरण में पूरा हुआ और इसे 2009 में खोला गया कोरोना और किसान आंदोलन का असर कोरोना के चलते 25 मार्च से 20 मई और पंजाब में किसान आंदोलन के चलते 22 सितंबर से 25 नवंबर तक इस लाइन का कार्य प्रभावित हुआ।
चिनाब पुल की खासियत ऊंचाई-359 मीटर लंबाई-1315 मीटर कुल स्पान-17 सेन्ट्रल स्पान की लंबाई-467 मीटर कुल स्टील का उपयोग-27051 मीट्रिक टन पर्यटकों को करेगा आकर्षित चिनाब पुल सिर्फ रेल लिंक का जरिया नहीं होगा, बल्कि इसे पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया जाएगा। यहां रिसोर्ट खुलेंगे और एडवेंचर स्पोर्टस भी होंगे।