scriptचीन को पूर्वी मोर्च पर मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, तैनात किए रफाल लड़ाकू विमान | India China border dispute indian air force deploys rafale fighters on eastern front with china | Patrika News
विविध भारत

चीन को पूर्वी मोर्च पर मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, तैनात किए रफाल लड़ाकू विमान

भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर वायुसेना प्रमुख आरके एस भदौरिया की मौजूदगी में रफाल लड़ाकू विमान की हुई तैनाती

Jul 29, 2021 / 08:12 am

धीरज शर्मा

India China Border Dispute

India China Border Dispute

नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद ( India China Border Dispute ) के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय वायुसेना ( IFA ) ने बुधवार को पूर्वी वायु कमान ( ईएसी ) के तहत हासीमारा के वायुसेना स्टेशन में रफाल ( Rafale ) विमान को अपने 101 स्क्वाड्रन में शामिल कर लिया।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर ये रफाल लड़ाकू विमानों से सुसज्जित दूसरी स्क्वाड्रन है। बता दें कि वर्ष 2020 में सितंबर में रफाल लड़ाकू विमानों को 17 ‘ग्लोबल ऐरो’ स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था।
यह भी पढ़ेंः केंद्र सरकार घर बैठे दे रही 15 लाख रुपए कमाने का मौका, बनाना होगा ये डिजाइन और टैगलाइन

https://twitter.com/IAF_MCC/status/1420375697558675463?ref_src=twsrc%5Etfw
भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। पूर्वोत्तर में चीन के साथ सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश की सीमा लगती है। ऐसे में चीन पर कड़ी नजर रखने और मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई के लिए भारतीय वायुसेना ने बड़ा कदम उठाया है।
वायु सैनिक अड्डे पर कर्मियों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि हासीमारा में रफाल विमानों को सुनियोजित रूप से तैनात किया गया है और ऐसा पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
वायुसेना की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक हासीमारा में रफाल विमानों के आगमन के मौके पर एक फ्लाईपास्ट भी किया गया, जिसके बाद परंपरागत रूप से नए लड़ाकू विमान को पानी की बौछार से सलामी दी गई।
पश्चिम बंगाल में हासीमारा के पास पहले मिग 27 स्क्वाड्रन था, जिसे अब सेवामुक्त कर दिया गया है। यह भूटान से निकटता के कारण भारतीय वायु सेना के संचालन के लिए एक रणनीतिक आधार है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में बताया कि भारत को फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन से अब तक 36 में से 26 रफाल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं।
रफाल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात है। भारत की ओर से करीब 59 हजार करोड़ रुपए की लागत से 36 विमानों की खरीद की गई है। समझौते पर हस्ताक्षर करने के करीब चार वर्ष बाद, अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी।
यह भी पढ़ेंः Jammu Kashmir: बांदीपोरा के संबलर में सुरक्षाबलों को सफलता, एनकाउंटर में मार गिराए दो आतंकी

इसलिए अहम है तैनाती
बता दें कि चुंबी घाटी, जहां भारत, भूटान और चीन के बीच एक त्रिकोणीय जंक्शन है डोकलाम के करीब है, जहां 2017 में गतिरोध हुआ था। तीनों देशों के लिए त्रिकोणीय जंक्शन चिंता का विषय रहा है। ऐसे में इन विमानों की तैनाती को सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा।
कूटनीतिक दृष्टि से 3000 मीटर पर स्थित चुम्बी घाटी का बहुत महत्व रहा है क्योंकि भारत पर तिब्बत से आक्रमण करने का यह एक आसान मार्ग है। इसलिए यह तैनाती अब काफी अहम है।

Hindi News/ Miscellenous India / चीन को पूर्वी मोर्च पर मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, तैनात किए रफाल लड़ाकू विमान

ट्रेंडिंग वीडियो