
चीन की नई रणनीति में शामिल 4 LAC लोकेशनों में से 3 लोकेशन लद्दाख के पश्चिमी सेक्टर में स्थित हैं।
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ( India-China Border Dispute ) कोई नया नहीं है। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ड्रैगन भारत से सतर्क रहने लगा है। उसकी सतर्कता का ही परिणाम है कि न केवल भारत और चीन के बीच लद्दाख पर सीमा को लेकर विवाद बढ़ा है बल्कि सीमा विवाद को लेकर चीन ने अपनी स्ट्रेटजी भी बदल ली है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के जिन 4 लोकेशनों पर पर ज्यादा जोर दे रहा है उनमें से 3 क्षेत्र लद्दाख से जुड़ें हैं।
अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh ) से लेकर लद्दाख ( Ladakh ) तक दोनों देशों के बीच करीब 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। इनमें से कई जगहों पर मतभेद की वजह से दोनों ही देश कई बार एक-दूसरे के बॉर्डर पार कर जाते हैं।
इस बीच चीन का भारतीय सीमा में घुसपैठ में भी एक नया पैटर्न सामने आया है, जो ड्रैगन की मंशा जाहिर करता है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक 2015 के बाद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चार ऐसी जगहें यानी लोकेशन हैं, जहां चीन ने लगातार घुसपैठ जारी रखी है। 80 फीसदी घुसपैठ व दोनों देशों की सेनाओं के बीच आमना-सामना भी इन्हीं चार जगहों पर हुआ है। इनमें से तीन लोकेशन लद्दाख के पश्चिमी सेक्टर में स्थित हैं।
मई, 2020 के शुरुआत में ही भारत और चीन ( India and China ) की सेनाएं पांगोंग सो के पास आमने-सामने आ गई थीं। दोनों के बीच झड़पें भी हुईं थी। इस इलाके के अलावा लद्दाख की ट्रिग हाइट्स और बुर्त्से दो ऐसी लोकेशन हैं, जहां से चीनी घुसपैठ के कुल मामलों में दो-तिहाई घटनाएं दर्ज की गईं।
पांगोंग सो की बात की जाए, तो यहां चीन ने पिछले पांच सालों में 25 फीसदी घुसपैठ की घटनाओं को अंजाम दिया। वहीं, लद्दाख में पड़ने वाली ट्रिग हाइट्स में चीन की तरफ से सीमा पार करने की 22 फीसदी घटनाएं हुईं। बुर्त्से में भी 19 फीसदी घुसपैठ के मामले दर्ज किए गए।
बात यहीं तक सीमित नहीं है। भारतीय सीमा क्षेत्र ( Indian territory ) में आने वाली एक और लोकेशन पर चीन ने 2019 में घुसपैठ बढ़ा दी है। यह क्षेत्र है डुमचेले के उल्टी साइड में पड़ने वाला डोलेटांगो एरिया। इस क्षेत्र में पिछले साल चीन की सेना 54 बार घुसपैठ की। जबकि इससे पहले चार सालों में चीनी सेना सिर्फ 3 बार ही सीमा पार कर यहां आई थी।
इसके साथ चीनी सेना ( Chinese Army ) ने भारत की सीमा में आने वाले गलावन रिवर एरिया पर कुछ दिनों पहले निर्माण कार्य में बाधा डालने के लिए घुसपैठ की। इससे पहले इस इलाके पर कभी भी चीन की तरफ से सीमा पार नहीं की गई थी।
इसी तरह पूर्वी सेक्टर में चीन की तरफ से सबसे ज्यादा घुसपैठ की घटनाएं डीचू व मदान रिज इलाके में हुईं। इसके अलावा पूर्वी सेक्टर के बाकी इलाकों में चीन के सीमापार करने की घटनाएं बेहद कम रही हैं। सिक्किम ( Sikkim ) के नाकू ला में भी 2018 और 2019 में चीन घुसपैठ कर चुका है। इस महीने की शुरुआत में भी भारत और चीन की फौजें नाकू ला में आमने-सामने आ गई थीं।
जहां तक केंद्रीय सेक्टर में चीनी घुसपैठ की बात है तो केवल उत्तराखंड ( Uttarakhand ) के बरहोटी में इस तरह के मालले देखने को मिले हैं। यहां 2019 में चीनी सेना ने 21 बार घुसपैठ की, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 30 था। जबकि दोनों देशों के बीच इस इलाके को लेकर सबसे कम विवाद है। यह इकलौता सेक्टर है, जिसे लेकर दोनों देशों ने LA की अपनी धारणा नक्शे पर भी पेश करते हैं।
Updated on:
23 May 2020 03:20 pm
Published on:
23 May 2020 12:34 pm
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