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India-China standoff: कुछ ही दिन में IAF को मिलने वाले हैं Rafale Fighter Jets

जुलाई के अंत तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे पांच ( Rafale fighter jets ) रफाल। भारत-चीन सीमा विवाद ( India-China standoff ) के बीच भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) की ताकत बढ़ जाएगी। अभी कुछ दिन पहले ही इसे अपाचे हेलीकॉप्टर्स ( Apache attack helicopters ) की पूरी खेप मिल चुकी है।  

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India Air Force to get Rafale fighter this month

India Air Force to get Rafale fighter this month

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद ( India-China standoff ) के बीच देश की वायु शक्ति में जल्द ही और इजाफा होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) के बेड़े में जुलाई के अंत तक 36 रफाल लड़ाकू विमानों ( Rafale fighter jets ) में से कम से कम पांच विमान शामिल हो जाएंगे।

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रफाल ( rafale fighter jets news ) की यह खेप ऐसे वक्त में और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है जब भारतीय सेना का उत्तरी सीमा पर चीन की सेना (PLA) के साथ विवाद चल रहा है, तो पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों की घुसपैठ और सीमापार से गोलीबारी का सामना आए दिन की बात है। ऐसे हालात में हवाई शक्ति ही सुंतलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) में शामिल होने जा रहा रफाल लड़ाकू विमान ( Rafale warplanes ) मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसी विजुअल रेंज मिसाइलों से लैस होगा। यह अत्याधुनिक मिसाइलें दूर से ही अपने निशाने को भेद सकती हैं।

भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रफाल फाइटर जेट देश की ताकत बढ़ाने वाला होगा। दुश्मन देशों द्वारा हमला किए जाने का डर हमेशा बना रहता है। ऐसे में एक भारतीय रफाल फाइटर जेट दुश्मन की साजिश को नेस्तनाबूत कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जब रफाल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा, तब भारत आसमान में राज करेगा।

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रफाल ( Rafale fighter jets latest news ) का निर्माण फ्रांस की दस्सू एविएशन द्वारा किया गया है। यह फाइटर जेट जुलाई के अंत तक भारत पहुंच जाएगा। हालांकि इसे भारतीय वायुसेना के बेड़े में बाद में शामिल किया जाएगा। इसे उत्तरी सीमा के लिए अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर जबकि और दूसरा हाशिमारा में तैनात किया जाएगा।

अगर बात करें भारत-चीन की वायु शक्ति की तो, पश्चिमी कमांड में चीन की वायुसेना ने 157 फाइटर जेट और 20 GJ-1 WD-1K जैसे लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। वहीं, चीन यह भी दावा करता है कि इसके घर में बने J-10C और J-16 फाइटर जेट, रूस में बने MIG-29, SU-30S और फ्रांस में बने मिराज 2000 जेट से ज्यादा एडवांस्ड हैं।

चीन ने यह भी दावा किया है कि J-20 फाइटर जेट के पास भारतीय फाइटर्स के मुकाबले जेनरेशन का फायदा है और इस अंतर की भरपाई किसी भी तरह मुश्किल है।

इसके उलट, भारत का दावा है कि मिराज 2000 और SU-30S चीन के J-10, J-11 और SU-27 विमानों से काफी ज्यादा ताकतवर हैं। इसके साथ ही रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वायु शक्ति के लिहाज से ज्यादा ताकत है। भारतीय वायुसेना के वहां बने एयरबेस और हवाई पट्टी इन्हें चीन की वायुसेना की तुलना में ज्यादा मजबूत बनाती हैं।

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इससे पहले मार्च में भारतीय वायुसेना को पांच चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर मिले थे। बोइंग ने इस संबंध में जारी बयान में कहा था कि इसने सभी नए AH-64E अपाचे ( Apache attack helicopters ) और CG-47F(I) चिनूक हेलीकॉप्टर्स की आपूति IAF को कर दी है।