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भारत की दरियादिली: 170 पाकिस्तानी नागरिकों को मिला वीजा, रौजा शरीफ उर्स में शामिल होने की अनुमति

भारत ने 170 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को इस महीने के आखिर में पंजाब के सरहिंद में रौजा शरीफ उर्स में शामिल होने के लिए वीजा दे दिया है।

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Pakistani pilgrims

भारत की दरियादिली: 170 पाकिस्तानी नागरिकों को मिला वीजा, रौजा शरीफ उर्स में शामिल होने की अनुमति

नई दिल्ली। भारत ने दरियादिली दिखाते हुए पाकिस्तान के 170 नागरिकों को वीजा देने का फैसला किया है। मौजूदा हालत में भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह के संबंध हैं, उसको देखते हुए यह कदम बेहद सकारात्मक माना जा रहा है। तनावपूर्ण संबंधो के बाद भी दोनों देशों के बीच धार्मिक पर्यटन के लिए आपसी सहमति बन गई है। इसके चलते गुरुवार को भारत ने 170 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को इस महीने के आखिर में पंजाब के सरहिंद में रौजा शरीफ उर्स में शामिल होने के लिए वीजा दे दिया है।

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170 पाकिस्तानियों को वीजा

पाकिस्तानी श्रद्धालु 3 दिन के उर्स के लिए सरहिंद आएंगे। पंजाब के सरहिंद में सूफी संत शेख फारुखी की मजार पर लगने वाले उर्स मेले में शिरकत करने लाखों लोग एकत्र होते हैं। हर साल कई पाकिस्तानी भी इस ममले में शामिल होने के लिए आते हैं। बताया जा रहा है कि भारत द्वारा धार्मिक पर्यटन के लिए 170 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की इजाजत देना दोनों देशों के संबधों में एक नया आयाम जोड़ सकता है। दोनों देशों के बीच धर्मिक प्रयत्न को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करतारपुर कॉरिडोर खोलने को लेकर भी चर्चा चल रही है। जानकरों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान में बीते कुछ समय से जिस तरह के हालत बने हैं, उसमें इस तरह की कोशिशें की जानी चाहिए। बता दें कि हाल ही में कश्मीर में तनाव फैलाने के चलते भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत रद्द कर दी थी।

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जारी रहेगा धार्मिक पर्यटन

तमाम मतभेदों के बावजूद भारत और पाकिस्तान धार्मिक आस्था के मुद्दों पर वीजा जारी करने पर सहमत हो गए हैं। दोनों देश आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए आपसी सहमति बना चुके हैं। बता दें कि भारत और पाकिस्तान 2015 में धार्मिक पर्यटन को संबंध सुधारने के एक तरीके के तौर पर अपनाने पर रजामंद हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जिस तरह संयक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से वार्ता रद्द की थी , उसके बाद ऐसा मान जाने लगा था कि भारत का रवैया अब लम्बे समय तक तल्खी वाला बना रहेगा, लेकिन बैठक रद्द होने के बावजूद ऐसा लगता है कि दोनों देश मानवीय और धार्मिक मुद्दों को लेकर सजग हैं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुषमा स्वराज और महमूद कुरैशी के बीच करतारपुर कॉरिडोर खोलने की चर्चा होने की भी संभावना थी। लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है।